CBSE पेपर लीक मामले में शशि थरूर ने प्रकाश से अपील ‘न हो दोबारा बच्चों की परीक्षा’
सीबीएसई पेपर लीक मामले में भले ही कार्रवाई चल रही हो, लेकिन बच्चों पर इसका डबल प्रेशर देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से शशि थरूर ने मानव संसाधन मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। जी हां, शशि थरूर ने मानव संसाधन मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें छात्रों को राहत देने की बात कही है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या मानव संसाधन शशि थरूर के पत्र को गंभीरता से लेते हुए छात्रों को राहत देगी या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों में काफी दवाब देखने को मिल रहा है। ऐसे में छात्रों की इसी समस्या को समझते हुए शशि थरूर ने अपील की है कि छात्रों को दोबारा एग्जाम देने से रोकना चाहिए, क्योंकि वो इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं में व्यस्त है, ऐसे में वो पहले से ही तनाव में है। जी हां, शशि थरूर ने कहा कि 12वीं के बच्चोंं की परीक्षा दोबारा न लिया जाए, क्योंकि वो तनाव में है, ऐसे में अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा देने से वो और भी ज्यादा दबाव में आ जाएंगे।
बताते चलें कि सीबीएसई पेपर लीक को लेकर छात्रोंं में अफरा तफरी का माहौल भी देखने को मिल रहा है। छात्र इसके खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। छात्रों की मांग है कि या तो सारे एग्जाम कराएं जाए, या फिर एक भी नहीं, क्योंकि पेपर लीक तो हर विषय़ का हो सकता है, लेकिन सीबीएसई ने बारहवीं की परीक्षा के लिए 25 अप्रैल की डेट रखी है, तो वहीं दूसरी तरफ सीबीएसई ने दसवीं की परीक्षा दोबारा न करवाने का ऐलान किया है, जिसकी वजह से छात्रों में और भी ज्यादा आक्रोश देखने को मिल रहा है। ऐसे में छात्रों की समस्या को समझते हुए प्रकाश जावेड़कर को पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पल्ला छाड़ लिया है। जी हां, कोर्ट ने कहा कि पेपर दोबारा हो या न हो, ये बोर्ड का अपना विशेषाधिकार है, ऐसे में कोर्ट इस मामले में किसी भी तरह का कोई दखल नहीं कर सकता है। हालांकि, देखना यह होगा कि प्रकाश जावेड़कर शशि थरूर के पत्र की गंभीरता को समझते हुए क्या फैसला लेंगे? ये तो खैर वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल छात्रोंं में काफी तनाव देखने को मिल रहा है, क्योंकि उन्हें दोबारा से पेपर देने के लिए नये सिरे से मेहनत करनी होगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं का भी बोझ उनके सिर पर है।