जानिए क्यों मनाया जाता है ‘मूर्ख दिवस यानि अप्रैल फूल’ और क्या है इसका इतिहास
नई दिल्ली – 1 अप्रैल यानि आज दुनियाभर के लोग अपने जानने वालों को मूर्ख बनायेंगे। इस दिन लोग अपने दोस्तों और करीबियों को नए-नए तरीके से मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। इस दिन को ‘मूर्ख दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस तारीख की सबसे खास बात यह है कि अगर आप इस दिन किसी को बेवकूफ बनाते हैं तो वह नाराज नहीं होता। लोगों को अप्रैल फूल बनाने के लिए अफवाहों, मजाक और शरारत आदि का सहारा लिया जाता है। जब कोई आपके बिछाये जाल में फंस जाता है और मूर्ख बन जाता है तो उसे अप्रैल फूल कहते हैं। तो आइये आपको बताते हैं कि अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है।
अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है विभिन्न देशों में है अलग अलग तरीका
मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे विभिन्न देशों में अलग अलग प्रकार से मनाया जाता है। हालांकि, अप्रैल फूल डे मनाना कब शुरु हुई था इसके बारे में कोई नहीं जानता। कुछ लोगों का ये मानना है कि 1 अप्रैल को फ्रेंच कैलेंडर बदलाव होता है इस वजह से अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी की इसी दिन सगाई हुई थी। इसी कारण 1 अप्रैल को फूल डे मनाया जाता है। वहीं कुछ लोग इसे हिलारिया त्यौहार से जोड़ कर मनाता हैं।
दुनिया के अलग अलग देशों में मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे विभिन्न तरीको से मनाया जाता है। वहीं डेनमार्क में 1 मई को इसे माज-काट नाम से मनाया जाता है। यह अप्रैल फूल डे के समान ही होता है। जबकि, ईरानी लोग इसे त्यौहार नौरोज के तेरहवें दिन हंसी-मजाक के रुप में मनाते हैं। इसके अलावा, कोरिया में साल के पहले दिन स्रोवी डे मनाया जाता है। यानि दुनिया के हर देश में फूल डे मनाने का दिन अलग अलग है। यहां तक की यहां फूल डे मनाने का तरीका भी अलग अलग है।
अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है
मूर्ख दिवस मनाने के पीछे कहानी
1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने के पीछे एक कहानी है। दरअसल, साल 1945 में अप्रैल के पहले सप्ताह को अमेरिका की कौतुक समिति ने हर साल राष्ट्रीय हास्य सप्ताह मनाने का फैसला किया। कई सालों तक इसे मनाये जाने के बाद 1960 में अप्रैल के पहले सप्ताह को अमेरिका में पब्लिसिटी स्टंट के रूप में मनाया जाने लगा। 1 अप्रैल 1915 को जर्मनी के लिले हवाईअड्डा पर एक ब्रिटिश पायलट ने विशाल बम फेंका। इसको देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे और छुपने लगे। दरअसल, यह एक बड़ी फुटबॉल थी, जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था।
धीरे-धीरे यह परंपरा आगे बढ़ी और इसे पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। आपको शायद याद हो कि साल 2013 में 31 मार्च के दिन यह अफवाह फैलाई गई कि 1 अप्रैल से यूट्यूब बंद हो जाएगा। इस दिन को लेकर कई अच्छी और शरारत भरी कई यादें है। इसी तरह का एक किस्सा लंदन का है। जब 1 अप्रैल 1860 को लंदन के हजारों लोगों के घरों में पोस्ट कार्ड भेजकर कहा गया कि शाम को टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों को स्नान कराया जाएगा। जिसे देख वहां हजारों लोगों की भीड़ लग गई थी, जो बाद में एक मजाक साबित हुआ।
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