एक्शन में आई ममता बनर्जी, बंगाल में बैन किया हथियारबंद रैली
रामनवमी के दिन से फैली हिंसा पे अभी भी सरकार पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई है। जी हां, बंगाल ही नहीं हिंसा से राज्य के इलाके प्रभावित है, ऐसे में बंगाल में माहौल शांत रखने के लिए ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला लिया है। यहां हैरानी इस बात की है कि ममता के इस फैसले पे विपक्ष ने चूं तक नहीं की। तो चलिए अब जानते हैं कि ममता ने प्रदेश में ऐसा क्या फैसला कर दिया है, जिससे बड़बोली विपक्ष की जुबान में भी बन्द है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
हाल ही में हुई हिंसा से सबक लेते हुए ममता बनर्जी इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हैं। यही वजह है कि जो बयान उन्होंने रामनवमी पे दिया था, अब उन्होंने उसे लागू कर दिया है। इस फैसले के पीछे ममता प्रदेश की कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही है, लेकिन आश्चर्य वाली बात है कि बंगाल की विपक्ष यानी बीजेपी ने अभी तक इस फैसले पे कोई विरोध करने वाला बयान नहीं दिया है। ऐसे में ममता बनर्जी पहले कांड से पूरी तरह सबक ले चुकी हैं। अभी भी बंगाल की हालत गंभीर है, ऐसे में वहाँ की तरह का जुलूस निकलना मुसीबत को आमंत्रण देने से कम नही होगा।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हनुमान जयंती पर बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले में ममता ने कहा कि हनुमान जयंती के दिन कोई भी रैली हथियार के साथ नहीं निकलेगी। ऐसे में अगर कोई रैली निकाल भी रहा है, तो पहले सरकार से अनुमति लें। इसके साथ सख्त रूप अपनाते हुए ममता ने कहा कि हनुमान जयंती के दिन कोई भी रैली में हथियार लेता हुआ दिखा तो उस पे कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा सभी धार्मिक स्थलों पे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिल रही जा, जिससे किसी भी तरह की कोई घटना न हो। ममता ने कहा कि दोषियों को कतई नहीं बख्शा जाएगा।
बीजेपी ने ममता के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी किसी भी तरह का कोई जुलूस निकलेगी, ऐसे में पार्टी बंगाल सरकार के इस फैसले में पूरा सहयोग दे रही है। याद दिला दें कि रामनवमी पे जब ममता ने हथियार बन्द वाला बयान दिया था तब बीजेपी की दिग्गज नेताओं ने इसका विरोध करते हुए ममता सरकार को ललकारा था कि वो तो हथियार के साथ ही रैली निकलेंगे। और उसका अंजाम क्या हुआ वो सब हमारे आखो के सामने है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि ममता का ये फैसला प्रदेश में कितनी शांति पैदा कर पाती है, ये तो खैर वक्त ही बताएगा।
बताते चले कि ममता बनर्जी इन दिनों लोकसभा की तैयारी में व्यस्त है, ऐसे में ममता दिल्ली भी आई थी, जहाँ वे तमाम नेताओ से मिली। ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि ममता 2019 में विपक्ष की नेता बनना चाहती है, उनका सपना पीएम बनने का है, यहज वजह है की वो एक तीसरे मोर्चे की तैयारी में जोरो से व्यस्त है, हालांकि देखने वाली बात होगी कि क्या ममता अपनी इस कोशिश में सफल हो पाती है या नहीं?