7 दिनोंं बाद खत्म हुआ अन्ना का अनशन, महाराष्ट्र के सीएम ने पिलाया जूस
समाजसेवी अन्ना हजारे ने 7 दिनों बाद अपना अनशन तोड़ दिया। जी हां, अन्ना के सामने एक बार फिर से झुकी केंद्र सरकार। केंद्र सरकार ने अन्ना की सभी मांगो को मान लिया है, जिसके बाद अन्ना ने अनशन खत्म करने का ऐलान किया। अन्ना हजारे पिछले सात दिनों से दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे, जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उन्हें जूस पिलाया, इसके बाद अन्ना ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
दिल्ली के रामलीला मैदान में 23 तारीख से आंदोलन कर रहे अन्ना हजारे ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। जी हां, ये इस वक्त की सबसे बड़ी खबर है। अन्ना ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि गांधी के रास्तों पर चलकर सरकार को झुकाया जा सकता है। हालांकि, इस आंदोलन में सात साल पहले जैसी भीड़ नहीं देखने को मिली फिर भी अन्ना ने सरकार अपने अनशन से झुका दिया। अन्ना के सहयोगी इसे बड़ी जीत मान रहे हैं, लेकिन ये जीत तभी पूरी होगी जब सरकार अपने वादो को हकीकत में बदलेगी। फिलहाल, सरकार ने सिर्फ दिलासा दिलाया है, ऐसे में अभी इसे पूरी जीत कहना गलत होगा।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र ने अन्ना को सरकार की तरफ से मनाते हुए जूस भी पिलाया। इससे अन्ना का आंदोलन टूट गया। इसके बाद अन्ना हजारे ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान करते हुए बोले कि सरकार ने हमारी सभी मांगो को मान लिया है, जिसके लिए हमने सरकार को पूरे 6 महीने का समय दिया है, लेकिन सरकार मांगो को पूरी नहीं करेगी, तो एक बार फिर से हम आंदोलन करेंगे, और फिर सरकार को हाथों हाथ मानना पड़ेगा।
आंदोलन करने के समय अन्ना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी लिखा था, जिसमें वो काफी भावुक नजर आ रहे थे। जी हां, अन्ना ने लिखा था कि कुछ लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन मैंने अपनी लाइफ में बहुत सी आलोचनाओं को झेला है, ऐसे में न मुझे किसी से वोट मांगना है, और न ही किसी से कुछ लेना है, लेकिन फिर लोग मेरी आलोचना करते हैं। इसके आगे अन्ना ने लिखा कि मुझे दुख इस बात का नहीं है कि लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं, बल्कि इस बात का है कि लोग मेरे कामों के बारे में बात नहीं करते हैं।
बता दें कि अन्ना की मांगे हैं कि लोकपाल की नियुक्ति की जाए, लोकपाल बिल पारित किया जाए, उसे कमजोर करने वाली तमाम धाराओ को हटाया जाए। इसके साथ अन्ना की मांगे ये भी है कि किसानों को उचित मूल्य मुहैया कराया जाए। साथ ही 60 से ऊपर किसानों को सरकार की तरफ से हर महीने 5000 रूपये पेंशन के तौर पर दिया जाए। हालांकि, अभी सरकार ने अन्ना को सिर्फ दिलासा ही दिलाया है, ऐसे में दिल्ली अभी दूर है।