76 साल की गर्लफ्रेंड लेकर भाग गया 80 साल का देवदास, बेटे ने जो किया वो जानकर कहेंगे ‘शाबाश’
उदयपुर – हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया। मामला एक 80 साल के बुजुर्ग का 76 साल की गर्लफ्रेंड के साथ 48 सालों से लिव-इन में रहना है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों बुजुर्ग करीब 48 सालों से लिन-इन रिलेशन में रह रहे थे। लेकिन, जैसा की हमारे समाज में ऐसे किसी संबंध पर बवाह मचता है। इन दोनों के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। लेकिन, इसके बाद बुजुर्ग के बेटे ने जो किया वो इन दिनों काफी सुर्खियों में है। ये दोनों 48 साल से लिव-इन में रह रहे थे और इस बात से बुजुर्ग के बेटे को समाज के ताने सुनने को मिलते थे।
ये दोनों 48 साल से लिव-इन में रह रहे थे
उदयपुर जिले के एक गांव में बिते मंगलवार को लोग उस वक्त सभी हैरान हो गए जब उन्हें खबर मिली की एक 80 साल का बुजुर्ग अपनी 76 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 80 साल के देवदास कालासुआ की शादी 76 साल की मगदु बाई के साथ हुई। इस अनोखी शादी के बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह गया। किसी को इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ की ये ये दोनों 48 साल से लिव-इन में रह रहे थे। लोगों के लिए ये बेहद हैरानी वाली बात थी कि दोनों के परिवार वालों ने आखिर इतना बड़ा फैसला कैसे लिया।
तो आइये आपको पूरी कहानी बता देते हैं। जिस उम्र में लोग भगवान का नाम लेते हैं और अपने पोता-पोती की शादी करते हैं उस उम्र में इन दोनों ने शादी करके सभी को हैरान कर दिया। लोगों को पहले तो ये लगा की शायद ये दोनों दोबारा शादी करके अपनी मैरिज एनिवर्सरी सेलिब्रेट कर रहे हैं हैं, लेकिन जब उन्हें मालूम हुआ कि दोनों पहली बार पति-पत्नी बने हैं तो सभी लोग हैरान हो गए।
पोतों-पड़पोतों ने करवाई ये अनोखी शादी
ये दोनों 48 साल से लिव-इन में रह रहे थे। दरअसल, उदयपुर के परगियापद गांव के रहने वाले देवदास के पिता दीताराम ने उनकी शादी ने चंपा बाई से करवाई थी। लेकिन, शादीशुदा देवदास को कुछ ही दिनों बाद पड़ोसी गांव में रहने वाली मगदू बाई से प्यार हो गया। इसके बाद देवदास ने हिम्मत दिखाई और अपनी पत्नी को छोड़कर वो मगदू बाई के साथ भाग गए। यह वाकया 48 साल पहले हुआ था। 48 सालों तक दोनों ने शादी नहीं की और सिर्फ लिव-इन रिलेशन में रहे।
जानकारी के मुताबिक, देवदास ने मगदू बाई को अपनी पहली पत्नी चंपा बाई और बच्चों के साथ ही अपने घर में रखा था। इसके बाद उनकी पत्नी चंपा बाई ने बेटों को साथ उनका घर छोड़ दिया। लेकिन, मगदू बाई और चंपा में देवदास को लेकर कभी कोई विवाद नहीं हुआ। 48 सालों बाद देवदास और मगदू बाई के रिश्ते को मगदू बाई के परिवार वालों ने मंजूरी दे दी। लगभग 48 सालों तक लिव-इन में रहने के बाद इन दोनों की शादी हुई। इस अनोखी शादी में सबसे बड़ा योगदान देवदास के बेटे अर्जुनलाल का रहा जो गांव के स्कूल में टीचर हैं।