इन मंत्रों के जाप से रातों रात होगा चमत्कार, भूल से भी किसी के खिलाफ ना करें इनका इस्तेमाल!
इन मंत्रों के जाप से रातों रात होगा चमत्कार: मंत्रों के जाप करने से हम किसी भी इंसान की किस्मत बदल सकते हैं. हालांकि मंत्र याद करना और इनका इस्तेमाल करना आसान बात नहीं है. लेकिन, अगर हम सच्चे मन से मंत्रों का उचारण करें तो ये हमारे लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकते हैं. आपको हम बता दें कि बीज मंत्रों के जाप से आप अपनी किस्मत की रेखाएं बदल सकते हैं. अगर किसी कारण आप मंत्रों का जाप नहीं कर पा रहे हैं या फिर मंत्र जाप करने में असमर्थ हैं तो बीज मंत्र आपके लिए एकमात्र उपाय हैं. इन मंत्रों से आप अपनी हर प्रकार की परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. बीज मंत्रों का जाप बेहद लाभकारी एवं चमत्कारी है और इनका लाभ हमे कुछ ही समय में देखने को मिल जाता है.
बीज मंत्रों के उचारण के लिए कोई ख़ास विधि विधान नहीं है. इसके लिए आपको बस आँखें बंद करके सच्चे मन से भगवान को याद करना है और मंत्रों का सही अर्थ समझ कर जाप करना है. इससे आपको जल्दी ही आपकी हर समस्या का समाधान मिल जाएगा और आपकी जिंदगी में खुशियों का प्रवेश होगा. आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ चमत्कारी बीज मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जाप आपके लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है. लेकिन इससे पहले हम आपको बता दें कि सभी बीज मंत्रों के अक्षर गूढ़ संकेतों से परिपूर्ण होते है जिनका अर्थ केवल मंत्रशास्त्र से ही जाना जा सकता है.
गं (गणपति बीज मंत्र)
इस अक्षर में ग् गणेश भगवान को दर्शाता है, अ- विघ्ननाश्क और बिंदु- दुखहरण है. इसलिए इस पूरे अक्षर का मतलब है कि “हे! विघ्ननाशक गणेश भगवान आप मेरे हर प्रकार के दुखों को दूर कर दें” इस मंत्र के सच्चे मन से जाप करने से आपका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाएगा और आपको धन की प्राप्ति होगी.
श्रीं (लक्ष्मी बीज मंत्र)
दिखने में ये केवल एक अक्षर है लेकिन ये कईं अक्षरों के मेल से बना है और हर अक्षर के अपने अलग अर्थ हैं. इसमें श्- महालक्ष्मी , र्- धन एवं संपत्ति, ई- महामाया, नाद- विश्वात्मा और बिन्दू का मतलब – दुखहरण है. इसलिए इस अक्षर का सम्पूर्ण अर्थ है कि, ” धन संपत्ति की अधिष्टात्री माता लक्ष्मी मेरे दुखों को दूर करें”. इस मंत्र के रोजाना जाप से माँ लक्ष्मी आप पर धन की वर्षा करेंगी और आपको आर्थिक तंगी एवं कर्जों से मुक्ति दिलाएंगी.
कलीं (कृष्ण बीज मंत्र)
कलीं अक्षर भी कईं अक्षरों के मेल के साथ बनाया गया है. इसे क का अर्थ है- श्रीकृष्ण भगवान, ल का अर्थ है- दिव्यतेज़, ई का अर्थ है- योगेश्वर और बिंदू का अर्थ है दुखहरण करने वाले. इस मंत्र के जाप द्वारा आप भगवान वासुदेव को प्रसन्न कर सकते हैं. इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद वह बैकुंठ में जाता है.
हं (हनुमद् बीज मंत्र)
ये अक्षर तीन अक्षरों के मेल से बना है. इसमें ह का अर्थ है- हनुमान, अ का अर्थ है- संकटमोचन और बिन्दु का अर्थ है- दुखहरण. इस अक्षर का सम्पूर्ण अर्थ है कि, “हे संकटमोचन हनुमान मेरे दुःख दूर करें”. बजरंग बलि की आराधना के लिए इससे अच्छा मंत्र कोई और नहीं है.