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एमपी में नहीं थम रही छेड़छाड़ की घटनाएं, सीएम शिवराज की सख्ती हुई बेअसर

देश प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा किये तमाम दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला एमपी से सामने आ रहा है। जी हां, एमपी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश से महिलाओं से जुड़े अपराधों का खात्मा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दें कि एमपी की सरकार ने इस मामले को लेकर काफी सख्ती बरती थी, लेकिन उनकी ये सख्ती बेअसर दिखाई दे रही है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराधों में बढ़ावा देखने को मिल रहा है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

आपको बता दें कि इन दिनों एमपी की शिवराज सरकार ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाया है, लेकिन अपराध खत्म होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में खाकी का खौफ फैलाने के लिए पुलिस अभियान भी चलाया गया, जिसमें गुंडे बदमाशों का जूलूस भी निकाला गया, लेकिन जमीनी स्तर पर सीएम की सख्ती पूरी तरह से पस्त दिखाई दे रही है।

बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाने के बावजूद सूबे में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की समस्या बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि  सीएम शिवराज ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि छेड़छाड़ करने वाले गुंडे बदमाशों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा, ऐसे में बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है, लेकिन सीएम के आदेश के बावजूद बदमाश बेखौफ नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, एमपी की राजधानी भोपाल में ही सीएम की सख्ती बेअसर दिखाई दी।

बताते चलें कि पिछले 24 घंटे में केवल एमपी की राजधानी भोपाल से ही छेड़छाड़ से जुड़े तीन मामले सामने आएं, ऐसे में यह आलम तब है, जब पिछले 15 दिनों से प्रदेश में जूलूस निकालकर खाकी का डर बिठाये जाने की कोशिश है, लेकिन मनचलों के अंदर ये डर बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में अब पुलिस ने अपनी कमर कस ली है, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कर रही है।

बहरहाल, देखना ये होगा कि क्या सीएम शिवराज सख्ती असर करेगी, या फिर प्रदेश की महिलाओं के लिए अभी दिल्ली बहुत दूर है? ये तो खैर वक्त ही बताएगा, लेकिन महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को कोई न कोई ठोस कदम जरूर उठाने चाहिए, ताकि प्रदेश की महिलाएं चैन से जिंदगी गुजार सके।

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