केजरीवाल से मिले जख्म को भूला नहीं पाएं हैं अन्ना हजारे, जानिये क्या है पूरा मामला
सात साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना आंदोलन से निकले केजरीवाल जोकि दिल्ली की सत्ता तक पहुंच गये, लेकिन ऐसे में इस बात का दुख अन्ना हजारे को बहुत हुआ। बता दें कि केजरीवाल से मिले जख्म को अन्ना आज भी नहीं भूला पाएं है। यही वजह है कि एक बार फिर से दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन कर रहे अन्ना ने एक बड़ा बयान दिया है, हालांकि, अन्ना इस तरफ पहले से ही संकेत करते हुए नजर आ चुके हैं। आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
बता दें कि रामलीला मैदान में आज अन्ना के भूख हड़ताल का दूसरा दिन है, ऐसे में अन्ना की तबीयत भी खराब हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हे चेक किया तो उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया था, जिसके बाद अब उन्हे आराम है। गौरतलब है कि समाजसेवी अन्ना हजारे किसानों की बेहतर आय और उनके लिए तमाम सुविधाएं देने की मांग के साथ अन्ना लोकपाल बिल के लिए भी धरना दे रहे हैं। रामलीला से अन्ना ने हुंकार भरा कि वो इस बार बिना मांग पूरी कराएं, वहां से हटेंगे नहीं, ऐसे में सोई हुई सरकार का ध्यान कब अन्ना की तरफ जाता है?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर केजरीवाल से अन्ना को क्या जख्म मिला और इसको लेकर अन्ना हजारे ने क्या बड़ा बयान दिया है, तो चलिए अब हम आपको बताएंगे कि अन्ना हजारे ने क्या कुछ कहा? याद दिला दें कि सात साल पहले जब अन्ना दिल्ली में धरना कर रहे थे, तो उनके साथ केजरीवाल शिष्य की तरह पेश आएं थे, ऐसे में उस समय केजरीवाल ने कहा था कि वो राजनीति में नहीं आएंगे, लेकिन आंदोलन खत्म हुए एक या दो साल ही हुए थे कि केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीति में आने का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन कर लिया औऱ उसके सहारे दिल्ली की सत्ता तक पहुंच गये, जोकि अन्ना के उसूलों के खिलाफ था।
अन्ना का बड़ा बयान, इस आंदोलन से नहीं निकलेगा कोई राजनेता
केजरीवाल के जख्म से सबक लेते हुए अन्ना हजारे ने इस बार बड़ा ऐलान किया है। अन्ना ने कहा कि इस आंदोलन में वहीं लोग साथ दे रहे हैं या दें जो आगे चलकर राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। इसके लिए अन्ना ने एक बेहतरीन तरीका भी निकाला है, जिसके तहत आंदोलन में हिस्सा ले रहे प्रमुख लोगों को एक स्टंप पेपर पर यह साइन करना होगा कि वो आगे चलकर किसी भी तरह से राजनीति लाभ के लिए नहीं जुड़ेंगे।
ऐसे में माना जा रहा है कि सालों पुराना जख्म अन्ना नहीं भूला पाएं है, यही वजह है कि अन्ना ने इस बार आंदोलन शुरू होने से पहले ही इस मामले के लिए सतर्क रहे। जी हां, इस स्टंप पेपर में लिखा है कि जो लोग आंदोलन में शामिल होंगे, वो लोग किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे और न ही चुनाव में भाग लेंगे, देश की सेवा करेंगे और अच्छा चरित्र बनाकर ही रखेंगे।