FB डेटा लीकः जकरबर्ग ने मानी गलती, जानिए क्यों आपके लिए खतरे की घंटी है ये मामला?
नई दिल्ली – कैंब्रिज एनालिटिका नाम कि अमेरिकी संस्था इन दिनों फेसबुक से डेटा चुराने को लेकर सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिकी चुनावों में ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए फेसबुक के सबसे सुरक्षित डेटाबेस में सेंध लगाकर करीब 5 करोड़ अमेरिकियों का डेटा चुराया। इतना ही नहीं इस बारे में ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी फेसबुक से चुराये डेटा का इस्तेमाल भारत में होने वाले चुनावों के लिए करने के फिराक में है। कहा जा रहा है कि कैंब्रिज एनालिटिका के शिकार भारतीय भी हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि इन 5 करोड़ लोगों में भारतीय भी हो सकते हैं और उनके डेटा का इस्तेमाल किया जा सकता है। फेसबुक डाटा लीक मामले में जुकरबर्ग ने अपनी गलती माल ली है।
क्यों परेशान करने वाला है डाटा चुराए जाने का मामला
हालांकि, फेसबुक डाटा लीक मामले में जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी की ओर से गलती को मान ली है। मौजूदा दौर में किसी की पर्सनल डेटा सबसे कीमती चीज है। इस बारे में जियो की लॉन्चिंग के मौके पर मुकेश अंबानी ने कहा था कि डाटा इज द न्यू ऑयल। यानि डेटा तेल जितना ही किमती है। गौरतलब है कि भारत में फेसबुक के 20 करोड़ यूजर हैं। देश का हर छठा शख्स फेसबुक यूज करता है। भारत में फेसबुक के यूजर दुनिया में दूसरे नंबर पर आते हैं। पहले नंबर पर अमेरिका है।
ऐसे में यह वाकई परेशान और हैरान करने वाली बात है कि कोई अपने डेटा पर नज़र रख रहा हो। फेसबुक डेटा लीक मामल में जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो ये है कि इसके जरिए किसी भी यूजर की गतिविधियों का विश्लेषण कर ये जाना जा रहा था कि वो यूजर किस पार्टी और विचारधारा का है। यानि फेसबुक डेटा लीक कर इसका इस्तेमाल यूजर को किसी विशेष पार्टी के प्रति उसकी सोच को जानने के लिए किया जा रहा था।
जुकरबर्ग ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है
रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लेक्चरर अलेक्जेंदर कोगन ने कैंब्रिज एनालिटिका के साथ मिलकर एक ऐप बनाया। इस ऐप के जरिए एक क्विज चलाया गया। इसके जरिए हजारों लोगों से उनकी पसंद के बारे में जानकारी जुटाई गई। लाखों अमेरिकियों से जुटाये गए इस डेटा का इस्तेमाल साल 2014 में हुए अमेरिकी चुनावों में किया गया। अब इस मामले में फेसबुक डाटा लीक मामले में जुकरबर्ग ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा है कि वो यूजर्स की गोपनियता को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
आपको बता दें कि लीक डेटा के जरिए किसी यूजर का रूझान, पसंद-नापसंद, रिलेशनशिप स्टेटस, राजनीतिक रूझान, ड्रग्स की लत और तमाम तरीके की जानकारियां जुटाई जा रही थी। फेसबुक डेटा लीक की आंच भारत तक भी पहुंच चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कांग्रेस पार्टी के संबंध का आरोप लगाया है। रविशंकर के मुताबिक, कांग्रेस ने साल 2019 में होने वाले चुनावों के लिए कैंब्रिज एनालिटिका से संपर्क किया है। अब इस मामले में कितनी सच्चाई है ये तो अभी साफ नहीं हो सका है।