माफीनामा ही नहीं इन मुद्दों पर भी ले चुके हैं केजरीवाल यू-टर्न, जरूर पढ़िये
दिल्ली के सीएम केजरीवाल यूं तो अक्सर ही चर्चा में रहते हैं। बता दें कि केजरीवाल अपने बड़बोले बयान के लिए बहुत ही ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन आज हम आपको केजरीवाल के यू-टर्न के बारे में बताएंगे। बीते दिनों से दिल्ली की सियासत में यू-टर्न का चलन बढ़ा है, ऐसे में यहां कई ऐसे मुद्दे हैं, जिससे केजरीवाल पीछे हटे। जी हां, मजीठिया मामले में ही नहीं केजरीवाल कई मुद्दे से खुद को पीछे मोड़ लेते हैं, तो चलिए जानते हैं कि केजरीवाल किन मुद्दों से पीछे हट चुके हैं?
अन्ना आंदोलन से वजूद में आएं केजरीवाल का राजनीति में ही आना सबसे बड़ा यू-टर्न था। जी हां, अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल ने बड़ा वादा किया था कि वो राजनीति में कदम नहीं रखेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। बता दें कि आंदोलन के कुछ समय बाद ही केजरीवाल ने राजनीति में आने का फैसला किया, जिसकी वजह से उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन किया। बताते चलें कि केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के समय कहा था कि उन्हें सीएम और पीएम नहीं बनना है, वो तो बस देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं, ऐसे में केजरीवाल का राजनीति में आना ही सबसे बड़ा यू-टर्न माना जाता है।
राजनीति में आने के बाद केजरीवाल का दूसरा सबसे बड़ा वादा ये था कि वो कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, केजरीवाल ने इसके लिए अपने बच्चों की कसम भी खाई थी, लेकिन 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था, उस समय बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के पास ही बहुमत नहीं था, ऐसे में किसी भी पार्टी की सरकार बनती नजर नहीं आ रही थी, तो केजरीवाल ने कांग्रेस से समर्थन लिया औऱ दिल्ली में सरकार बनाई, हालांकि, ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चली थी, क्योंकि केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था। यह भी केजरीवाल का सबसे बड़ा यू-टर्न था।
सरकारी बंगला और लाल बत्ती न लेने का भी केजरीवाल एंड पार्टी ने किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद पलटी मार दिया। जी हां, केजरीवाल ऐसे मुख्यमंत्री है, जो शपथ ग्रहण समारोह में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से गये थे। पर केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद सरकारी बंगला और लाल बत्ती का प्रयोग किया, इतना ही उनकी कैबिनेट ने भी, ऐसे में यह भी केजरीवाल का बड़ा यू-टर्न था।
केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि वो सिर्फ दिल्ली पर ध्यान देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंजाब चुनाव में उन्होंने अपना पैर पंजाब में भी फैलाया, इतना ही नहीं चर्चा तो यह भी थी कि अगर आम आदमी पार्टी वहां चुनाव जीतती तो केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देकर वहां के सीएम बनते, लेकिन वहां आम आदमी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी थी।
मजीठिया का मामला इन दिनों बहुत ही ज्यादा चर्चा में है। बता दें कि मजीठिया से माफी मांगने के बवाल में केजरीवाल को चौ-तरफा आचोलनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि केजरीवाल ने नितिन गडकरी,अमित सिब्बल से भी माफी मांग ली है। ऐसे में ये केजरीवाल के कुछ बड़े यू-टर्न हैं।