चैत्र नवरात्रि: कलश पूजन के बिना अधूरे होंगे व्रत-अनुष्ठान, मां दुर्गा नहीं होंगी प्रसन्न
हिंदू मान्यता में नवरात्रि को काफी शुभ माना जाता है। नवरात्रि के लिए कुछ खास नियम बनाये गए हैं जिनका पालन करना जरुरी होता है। अगर आप इनका पालन नहीं करते तो आपको इसका उचित परिणाम नहीं मिलता है। नवरात्रि पर देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आपको एक बेहद छोटी मगर जरुरी बात का ख्याल रखना है। अगर आप पूरे विधि-विधान से माँ की पूजा करते हैं तो आपकी सुख-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होगी। चैत्र नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रही है। आपको बता दें कि नवरात्र में कलश पूजन का विशेष महत्व होता है। इसलिए, इसके कुछ खास नियम बनाएं गये हैं, जिनको मानना सभी के लिए जरुरी होता है। चैत्र नवरात्रि में कलश पूजन करना अति आवश्यक है।
चैत्र नवरात्रि में कलश पूजन करना जरुरी
नवरात्र में कलश पूजन करने का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि बिना कलश पूजन के नवरात्र पर किये गए सभी व्रत-अनुष्ठान अपूर्ण रहते हैं। इस बारे में देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य का कहना है कि नवरात्रि में पूजन के लिए घर के मंदिर के ईशानकोण में कलश स्थापित किया जाना चाहिए। इस दिशा में अपना मुख करके अगर कोई पूजन करता है तो उसे मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। चैत्र नवरात्री 18 मार्च यानि रविवार से शुरु हो रही है।
सनातन काल से ही नवरात्र के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की परंपरा चली आ रही है। हिंदू मान्यता में नवरात्री के नौ दिनों को काफी शुभ माना जाता है। इन 9 दिनों में कुछ खास नियमों का पालन करना जरुरी होता है। नवरात्र में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्री आपके लिए शुभ और लाभकारी हो इसलिए आपको चैत्र नवरात्रि में कलश पूजन करना जरुरी है।
चैत्र नवरात्रि में कलश पूजन व स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि साल में दो बार होती है – ग्रीष्म नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। हिंदू नव वर्ष की शुरूआत में आने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि जो 18 मार्च से शुरु हो रही है। चैत्र नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रही है। 18 मार्च से शुरु होने वाली नवरात्रि 25 मार्च तक रहेगी। इस दौरान आपके लिए कलश की स्थापना करना और उसका पूजन करना आवश्यक है। क्योंकि, इसके बिना आपके सभी पूजन और अनुष्ठान व्यर्थ हैं। कलश की स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। पहला – 18 तारीख को सुबह 06 बज कर 31 मिनट से बज कर 46 मिनट तक। दूसरा – 11 बज कर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक।
इस दौरान ही अपने घर में कलश की स्थापना करें। इसके बाद अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरुपों की पूजा करें। इससे आपको उनका आशीर्वाद जरुर मिलेगा। कलश स्थापना के लिए रखने वाली जगह को साफ और शुद्ध कर लें। इसके पश्चात गणेश जी का स्मरण करते हुए कलश की स्थापना करें। कलश पूजन राशिवार सामग्री का प्रयोग करें। यह नवरात्रि उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक है जिनके काम कई दिनों से रुके हुए हैं। ऐसे लोगों को पूरे विधि-विधान से कलश पूजन और मां दूर्गा की आराधना करने से लाभ अवश्य मिलेगा।