यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का बड़ा इशारा, ‘जल्द हो सकते हैं लोकसभा चुनाव’
वन नेशन, वन इलेक्शन की चर्चा देश में कई महीनों से चल रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। हर पार्टी इस पे अपना मत दे तो रही है, लेकिन शायद इसे लागू करने के लिए कई पापड़ बेलने अभी बाकी है। जी हां, केंद्र की मोदी सरकार इस मुद्दे पर लगातार बोलती हुई नजर तो आ रही है, लेकिन अभी इस पे खुलकर फैसला लेना बाकी है। बताते चलें कि एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर अभी भी सियासी हलचले तेज हैं। तो आइये जानते हैं कि इस मामले में कल्याण सिंह ने क्या कुछ कहा?
राजस्थान के राज्यपाल और यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाएं, क्योंकि चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं। बताते चलें कि कल्याण सिंह जिस पद पर हैं, वहां से वो राजनीति नहीं कर सकते हैं, यहा वजह है कि वो इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल पाए, लेकिन इशारों ही इशारों में सबकुछ कह दिया। जी हां, कल्याण सिंह ने कहा कि वो जिस पद पर बैठें है, वहां से राजनीति नहीं कर सकते हैं, लेकिन कार्यकर्ता चुनावों की तैयारी में जुट जाएं।
गौरतलब है कि सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल मई 2019 में पूरा हो रहा है, ऐसे में 2019 की चर्चा जोरों से हैं, लेकिन नेत इस तरफ भी ध्यान दे रहे हैं कि अगर चुनाव पहले हो जाएं, तो भी वो तैयार रहे हैं, इसके लिए हर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की सलाह देती हुई नजर आ रही है। याद दिला दें कि हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकसभा और विधानसभा चुुनाव को एक साथ कराने की वकालत की तो मामलें को और भी बल मिल गया है, जिसकी वजह से पार्टियां सतर्क हैं।
कल्याण सिंह ने कहा ‘समय के साथ बदलना चाहिए’
राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि वक्त के साथ परिवर्तन जरूरी है, ऐसे में आपको वक्त के साथ साथ कदम बढ़ा कर चलना चाहिए। इसके साथ ही कल्याण सिंह ने आगे कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी वक्त इसका ऐलान हो सकता है। वहीं अगर सियासी हलचलों की बात करे तो साल के आखिरी में भी लोकसभा चुनाव होने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही है।
बताते चलें कि इस दौरान कल्याण सिंह ने कहा कि जो पार्टी दलितों और गरीबों को अनदेखी करेगी, तो उसे जनता भी अनदेखी करेगी, ऐसे में पार्टी को हर वर्ग के साथ मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि जनता से ही पार्टी का भविष्य तय होता है। माना जा रहा है कि राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान ही लोकसभा चुनाव भी हो सकता है।