सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का एनडीए पर तंज, ‘पार्टी के हालात ठीक नहीं, बोरिया बिस्तर बांध लें’
उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनाव में बीजेपी की हार पर न सिर्फ विपक्ष तंज कसता हुआ नजर आ रहा है, बल्कि पार्टी के अंदर के लोग भी एनडीए को आड़े हाथों लेना नहीं भूल रहे हैं। जी हां, सार्वजनिक मंच पर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर एनडीए पर तंज कसा। जी हां, पार्टी में हो रही उनकी उपेक्षा की वजह से वो बार बार बीजेपी पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं। आइये जानते हैं कि अब सिन्हा ने क्या कुछ कहा?
दरअसल, पार्टी में हो रही सिन्हा की अनदेखी की वजह से वो अक्सर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नजर आते हैं। बताते चलें कि एनडीए के गढ़ में ही बीजेपी का हार जाना न सिर्फ विपक्ष को आवाज उठाने का मौका दिया, बल्कि पार्टी में भी बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं। पार्टी के बड़े बड़े नेता भी इस हार को बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बताते नजर आ रहे हैं। दरअसल, यूपी का गोरखपुर हार जाने से पूर्वांचल में बीजेपी का कमजोर होना माना जा रहा है। यहां तक सियासी अटकलों की माने तो पीएम मोदी के लिए यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि 2019 में एक बार फिर पीएम मोदी बनारस की जनता के सामने जाएंगे, तो जनता उनसे जवाब मांगेगी।
पार्टी की इस हार पर सिन्हा ने कहा कि पार्टी को अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए, क्योंकि पार्टी भविष्य को लेकर चिंतित नहीं दिखाई दे रही है, जिसका जीता जागता सबूत बिहार और यूपी उपचुनाव है। सिन्हा ने आगे कहा कि सत्ता के नशे में चूर होने के अलावा बीजेपी को विकास पर ध्यान देना चाहिए, वरना 2019 में बोरिया बिस्तर बांधने की सरकार तैयारी कर लें, क्योंकि जनता का मूड बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।
सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का एनडीए पर तंज, पार्टी को होना चाहिए सचेत
यूपी और बिहार में हार पर व्यंग्य कसते हुए सिन्हा ने कहा कि पार्टी उपचुनावों को हल्के में ले रही है, लेकिन उसे पता होना चाहिए कि अगर प्रदेश का मूड बदल रहा है, तो देश का मूड बदलने में समय नहीं लगेगा। ऐसे में पार्टी को सचेत होकर भविष्य की रणनीति पर ध्यान देना चाहिए, वरना पार्टी बंटाधार हो सकता है, इसमें कोई दोराय नहीं है।
सिन्हा ने आगे कहा कि पार्टी को इस मुश्किल घड़ी से जल्दी से जल्दी निकलना चाहिए, वरना पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। पार्टी को सचेत करते हुए कहा कि चुनावी नतीजें ये चीख के कह रही है कि 2019 का रास्ता पार्टी के लिए उबड़ खाबड़ होना वाला है। ऐसे में पार्टी हाईकमान को इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।