विडियों – वकीलों के काला कोट पहनने के पीछे की यह बेतुका सच, आपको सिर पीटने पर मजबूर कर देगा!
नई दिल्लीः हमारे देश में गर्मी हो या ठंड हर मौसम में वकील और जज काला कोट ही पहनते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर वकील काला कोट क्यों पहनते हैं, तो हम आपको बताते हैं वकीलों के काला कोट पहनने की वजह। Why lawyers wearing black coats.
आपने वकीलों को तो देखा ही होगा और बहुत से वकीलों से जान-पहचान भी होगी आपने देखा होगा कि ये लोग काला कोट सफेद शर्ट और काला पैंट पहनते हैं। लेकिन इन सब के बावजूद आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि वकील हमेशो काला कोट ही क्यों पहनते हैं? ये कोई फैशन नहीं है इसके पीछे बहुत बड़ा कारण छिपा हुआ है।
वकील काला कोट क्यों पहनते हैं –
मुझे विश्वास है कि सभी लोग इस बात से बिल्कुल अनजान होंगे कि वकील काले कोट क्यों पहनते हैं और सफेद बैंड क्यों लगाते हैं यहाँ तक कि खुद वकीलों को नही मालूम होगा कि हम काले कोट और सफेद बैंड क्यों पहनते हैं आइए हम आपको बताते है इसके पीछे क्या कारण है।
इसकी शुरुआत सन् 1327 में हुई थी एडवर्ड तृतीय ने रॉयल कोर्ट में भाग लेने के लिए ड्रेस कोड के आधार पर न्यायधीशों की वेशभूषा तैयार करवाई थी। लेकिन ब्रिटेन ने 13 वीं सदी के अंत में इस पेशे की संरचना को सख्ती से जजों के बीच विभाजित किया। सार्जेंट अपने सिर पर एक बाल वाला विग पहनते थे और सेंट पेल्सकैथेड्रल में प्रैक्टिस किया करते थे। वकीलों को चार भागों में विभाजित किया गया था स्टूडेंट, प्लीडर, बेंचर एवं बैरिस्टर जो जजों का स्वागत करते थे। उस समय सुनहरे लाल कपड़े और भूरे रंगों से तैयार गाउन पहना जाता था।
वकील सफेद बैंड क्यों लगाते हैं –
सन् 1640 में, वकीलों ने शर्ट के कॉलर को छिपाने के लिए लिनन के सादे कपड़े का उपयोग किया। जो चौड़े होते थे और लेस के साथ बांधे जाते थे। 1860 तक यह बैंड दो आयतों के रूप में बदल गए थे जो पुरानी बैरिस्टर के कॉलर बैंड के समान थे। इसके अलवा एक और सिध्दांत के अनुसार यह माना जाता है कि दो आयताकार बैंड मोजेज की टेबलेट का प्रतिनिधित्व करती है जिसे वर्तमान समय में डॉक्टर, पादरियों विद्वत्ता के सूचक के रूप में जाना जाता है। और सफेद शांति का प्रतीक है जिसका मतलब है कि न्यायाधीश का निर्णय अंतिम और हर तरह से शुद्ध है।
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