वीडियोः इस तरह बच्चों को बनाया जाता है नक्सली, पहली बार कैमरे में कैद हुई बड़ी साजिश
यूं तो सोशल मीडिया में दिन भर कुछ न कुछ शेयर और लाइक होता रहता है। कुछ ऐसे होते हैं जो आपको हमें हंसाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो जगाने का काम करते हैं। लेकिन इन दिनों एक ऐसा वीडियो सामने आया है । जो देश के लिए बेहद खतरनाक है। ये खतरनाक ही नहीं देश की अस्मिता के लिए भी खतरा है। क्योंकि इन वीडियो में वो हरकत की जा रही है। जिसका असर हमारी पीढ़ियों में पड़ता है। साथ ही देश के भविष्य को बर्बाद किया और नौनिहालों में जहर भरा जा रहा है।
जी हां सोशल मीडिया में इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसको देखकर आपको विश्वास नहीं होगा की। ऐसी हरकत हिन्दुस्तान की सरजमीं पर हो रही है। दरअसल इस वीडियो में एक शिक्षक आदिवासी बच्चों को नक्सली बनने की शिक्षा दे रहा है। वीडियो में देश के पहले प्रधानमंत्री समेत कई लोगों पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही है।
क से ‘कानून’, A से ‘आदिवासी’, ख से खनिज
वीडियो में कुछ जातियों को भी दिकू बताते हुए यानी की उन्हें विदेशी पढ़ाया जा रहा है। दरअसल इस स्कूल में बच्चों को ग्राम सभा की तरफ से जारी पाठ्यक्रम पढाया जा रहा है। बच्चों के दिमाग में वही बातें डाली जा रही हैं। जो हिन्दुस्तान से बगावत करने के लिए मजबूर हो जाए। स्कूल में पढ़ाया जा रहा है कि- क से कानून। इसकी व्याख्या है- आदिवासियों के पास अपना कानून है। जिसका पालन करना है।
च से चोर, चाचा नेहरू चोरों का प्रधानमंत्री था
ये वीडियो झारखंड के एक गांव का है। जहां आदिवासी और पिछड़ी जाति के लोग रहते हैं। जो कि पत्थलगड़ी कर रहे है। पत्थलगड़ी यानी आदिवासियों का कानून के मुताबिक चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा। साथ ही हिन्दुस्तान के कानून को बेकार बता रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू तक के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई है। टीचर कैमरे में चाचा नेहरू को चोरों का प्रधानमंत्री बताया जा रहा है। वही शिक्षा बच्चों को दी जा रही है।
घ से ‘घंटी’ घंटी बजाने वाला ब्राम्हण बुड़बक हैं
इस स्कूल में पढ़ाया जा रहा है घ से घंटी। साथ ही ब्राम्हण जाति के ऊपर एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए व्यंग कसता है। टीचर बच्चों को घंटी बजाने वाले ब्राम्हण को बुड़बक बताया है।
छ से छलकपट, रोज छलकपट होते हैं
इसके साथ ही आदिवासी गांव में छ से छलकपट पढ़ाया जा रहा है। टीचर बच्चों को आराम से समझा रहा है कि छ से छलकपट होता है। छलकपट रोज होता है। देश में आए दिन जनता से छलकपट किया जाता है।
C से छोटा नागपुर, कास्तकारी अधिनियम
इसके साथ ही C यानी छोटा नागपुर, टीचर यहां बच्चों को बता रहा है कि बड़े संघर्ष के बाद नागपुर कास्तकारी अधिनियम को लागू किया जाए।
ग्राम पंचायत जारी करती है पाठ्यक्रम
A से ‘आदिवासी’, B से विदेशी, ख से खनिज। यानी खनिज सम्पदा आदिवासियों की है। खूंटी प्रखंड के चामड़ी, बरबंदा, भंडरा, कुदाटोली, सिलादोन पंचायत समेत रांची के बुंडू प्रखंड के बेड़ा, पानसकम, हांजेद गांवों में ग्रामसभा ऐसे ही स्कूल चला रही है। इनमें ग्रामसभा द्वारा चयनित शिक्षक पढ़ाते हैं। मुरहू के उदबुरू ग्राम सभा की पाठशाला में यही पाठ पढ़ाया जा रहा है। अड़की खूंटी जिले के अति पिछड़े जिलों में है। पत्थलगड़ी रूढ़िवादी ग्राम सभा ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए हर साल ऐसा ही पाठ्यक्रम जारी करती है।