हिन्दुस्तान के तीन भाईयों ने मिलकर लूट लिया दक्षिण अफ्रीका, राष्ट्रपति के परिवार को रखा था नौकरी पर
कहानी फिल्म लग सकती है, पर है पूरी ओरिजनल, जो इन दिनों असल में क्लामेक्स की तरफ बढ़ रही है, ख़बरों की गहमागहमी के बीच कहीं खो गई है। इस ख़बर को पढ़ने के बाद आप भी सोचेंगे कि क्या कोई आदमी इतना कैसे बढ़ सकता है, कि कुछ ही सालों में देश के टॉप 10 में पहुंच जाए। जिसके लिए देश के राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफा देना पड़े।
कहानी शुरु होती है, सहारनपुर से जहां के साधारण परिवार से तीन लोग 1990 में भारत से दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। जिनके नाम अतुल, राजेश और अजय गुप्ता तीनों आपस में भाई थे। वहां जाकर कम्प्यूटर का व्यापार शुरु किया। धीरे धीरे तीनों ने अपना धंधा बढ़ाया और खनन के साथ सोने की खानों की खुदाई कराने लगे। देखते ही देखते सत्ता के बीच इतनी करीबी हो गई कि आज उनकी वजह से राष्ट्रपति जैकब जुमा को इस्तीफा देना पड़ा। इस बीच ये तीनों गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के टॉपटेन रईसों में शामिल हो गए।
दक्षिण अफ्रीका का सातवां धनी आदमी है गुप्ता
एक अखबार के अनुसार, टॉप टेन में अतुल गुप्ता का नाम सातवें नंबर पर शामिल किया गया। सूची के अनुसार, उनके पास 10.7 बिलियान रेंड,यानी करीब 50 हजार करोड़ रुपए हैं। जो साऊथ अफ्रीका के लिए बड़ी रकम है। इस रकम को गुप्ता बंधुओं ने हिन्दुस्तान में इनवेस्ट किया। दिल्ली से लेकर सहारनपुर तक कई जमीनें देहरादून में फॉर्म हाउस से लेकर महल जैसा मकान तक हैं।
राष्ट्रपति के परिवार को रखा था नौकरी पर
गुप्ता बंधु अतुल, राजेश और अजय कम्प्यूटिंग, खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया समेत कई क्षेत्रों में कारोबार करता था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गुप्ता बंधु 75 वर्षीय जैकब जुमा के करीबी मित्रों में से एक थे। राष्ट्रपति जुमा का बेटा, बेटी और उनकी एक पत्नी गुप्ता बंधु की कंपनी में काम भी करते थे। जिसके चलते राष्ट्रपति जुमा पर कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगा, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
गुप्ता परिवार पर राष्ट्रपति जैकब जुमा के कार्यकाल के दौरान घोटाला करने का आरोप है, दक्षिण अफ्रीकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश की पुलिस की क्राइम यूनिट द् हॉक के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि अजय कानूनन रूप से भगोड़ा घोषित हो चुके हैं, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। इतना ही नहीं भारत में इसके खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी गई है। आयकर विभाग से लेकर दूसरी एजेंसियां लगातार गुप्ता बंधुओं को तलाशने में जुटीं है।
संवेदनशील एयरफोर्स बेस में उतारा चार्टेड
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधु उस वक्त चर्चा में आ गए, जब 2013 में परिवार की एक शादी में हिन्दुस्तान से मेहमान बनकर गए 211 लोगों में आजम खान और शिवपाल यादव भी शामिल थे। जिनको हिन्दुस्तान से ले जाने वाल चार्टेड देश के सबसे संवेदनशील एयरफोर्स बेस वॉटर्कलूफ में उतार दिया गया। जिसकी अनुमति राष्ट्रपति ने स्वयं दी थी। जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में तूफान आ गया था। साथ ही मीडिया का एक धड़ा गुप्ता बंधुओं के पीछे पड़ गया।
इस पूरे घोटाले का खुलासा तब हुआ जब 2017 में एक लाख से अधिक ईमेल लीक हुए। जिसके बाद राष्टपति जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओं के बीच हुई साठगांठ का खुलासा हो गया। इसके बाद गुप्ता परिवार और राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के ख़िलाफ़ द. अफ्रीका में लोगों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया और दोनों का नाम ‘ज़ुप्ता’ दिया।