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बुर्क़ा उतारने पर ही यहाँ की महिलाओं को भुगतनी पड़ती है 2 साल की सज़ा, ये काम भी नहीं कर सकती..

बुर्का उतारने पर 2 साल की जेल: यह दुनिया बहुत बड़ी है। हर देश के अपने-अपने क़ानून और नियम हैं। जो भी व्यक्ति इन नियमों का उलंघन करता है, उसे सज़ा भुगती पड़ती है। आपको बता दें आज भले ही महिलाओं को पूरे विश्व में पुरुषों के बराबर माना जाता है। लेकिन कई ऐसे देश भी हैं जहाँ की महिलाओं को आज भी पुरुषों की तरह आज़ादी नहीं है। ज़्यादातर मुस्लिम देशों में ऐसी ही स्थिति देखी जा सकती है। इन देशों में महिलाओं को पुरुषों जैसा काम करने की छूट नहीं है।

हाल ही में ईरान में एक महिला को पब्लिक प्लेस पर बुर्क़ा ना पहनने की वजह से 2 साल की सज़ा सुनाई गयी है। आपको बता दें सज़ा के दौरान महिला को तीन महीने तक की पैरोल भी नहीं मिलेगी। आपको यह जानकार काफ़ी हैरानी होने वाली है कि पिछले साल दिसम्बर से लेकर अब तक ईरान में लगभग 30 से ज़्यादा महिलाओं को हिजाब ना पहनने की वजह से अरेस्ट किया जा चुका है। ईरान में इसी तरह की कई और पाबंदी है।

नहीं ले सकती महिलाएँ सेल्फ़ी:

ईरान में महिलाओं को सायकिल चलाने से लेकर सेल्फ़ी लेने तक और अपने पसंद के कपड़े पहनने का भी अधिकार नहीं है। ईरान की महिलाओं के ऊपर ईरान में क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए हैं, आज हम आपको उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

ईरान में महिलाओं पर प्रतिबंध:

*- बिना पुरुषों की इजाज़त के यात्रा पर प्रतिबंध:

ईरान सरकार द्वारा पास किए गए क़ानून के तहत वहाँ की कोई भी महिला बिना पुरुष की इजाज़त के देश से बाहर नहीं जा सकती है। जो महिलाएँ सिंगल हैं उन्हें इसके लिए अपने पिता से लिखित इजाज़त की ज़रूरत पड़ती है। जो महिलाएँ शादी-शुदा होती हैं, उन्हें अपने पति की इजाज़त लेनी पड़ती है। इस क़ानून का महिला एमपी ने विरोध भी जताया था।

*- स्टेडियम में फुटबॉल देखने की मनाही और खिलाड़ियों के साथ सेल्फ़ी लेने की मनाही:

आपको जानकार काफ़ी हैरानी होगी कि आज भी ईरान की महिलाओं को मेल टीम का फुटबॉल मैच स्टेडियम में बैठकर देखने की आज़ादी नहीं है। पिछले साल अप्रैल में तेहरान के आज़ादी स्टेडियम में आठ महिलाओं को पुरुषों के वेश में मैच देखते हुए पकड़ा गया था। इसके अलावा वहाँ की महिलाओं को पुरुष खिलाड़ियों के साथ सेल्फ़ी लेने की भी इजाज़त नहीं है।

*- महिलाएँ नहीं चला सकती सायकिल:

ईरान की महिलाओं को सायकिल चलाना प्रतिबंधित है। ईरान में महिलाओं को पब्लिक प्लेस और ऐसी जगहों पर सायकिल चलाना मना है जहाँ अंजान लोग आते-जाते हैं।

*- नहीं कर सकती कॉफ़ी शॉप या कैफ़े में काम:

इस्लामिक रिपब्लिक देश के पुलिस चीफ़ ख़लील हेलाली ने दो साल पहले बताया था कि यहाँ क्क महिलाओं की किसी कॉफ़ी शॉप या कैफ़े में काम करने की आज़ादी नहीं है। अलग कोई महिला कॉफ़ी शॉप चलाना चाहती है तो वह चला सकती है लेकिन काम करने के लिए मेल वर्कर ही रखना होगा।

*- बिना बुर्क़ा घर से नहीं निकल सकती बाहर:

ईरान के क़ानून की आर्टिकल 683 के अनुसार ईरान में बिना बुर्क़े के कोई भी महिला घर से बाहर नहीं निकल सकती है। केवल यही नहीं बुर्क़े के बाहर बाल भी नहीं दिखने चाहिए।

*- नहीं कर सकती ग़ैर मुस्लिम से शादी:

इस्लामिक देश के क़ानून के तहत ईरान के पुरुष ग़ैर मुस्लिम महिला से शादी कर सकते हैं, लेकिन यहाँ की महिलाओं को यह आज़ादी नहीं है। अगर कोई युवक ईरानी महिला से शादी करने के बाद इस्लाम क़बूलने के लिए तैयार भी हो जाए तो भी इसकी इजाज़त नहीं है।

*- बस में नहीं बैठ सकती पुरुषों के सेक्शन में:

ईरान की महिलाओं के लिए बसों और सबवे में अलग से सेक्शन बनाया गया है। यहाँ महिलाएँ पुरुषों के सेक्शन में नहीं बैठ सकती हैं। अगर मेंस सेक्शन पूरा ख़ाली हो तो भी महिलाएँ इसमें नहीं बैठ सकती हैं।

*- बिना पति की इजाज़त के नहीं कर सकती नौकरी:

ईरान में महिलाएँ तब तक नौकरी नहीं कर सकती हैं, जब तक उनका पति ऐसा करने की इजाज़त नहीं देता है। वहाँ के क़ानून के अनुसार पति ऐसी किसी जॉब को करने से मना कर सकता है जिससे परिवार की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान ख़तरे में पड़ती हो।

*- नहीं बन सकती म्यूज़िक कन्सर्ट का हिस्सा:

कतर के डेली न्यूज़पेपर के अनुसार यहाँ की महिलाएँ किसी भी म्यूज़िक कन्सर्ट का हिस्सा नहीं बन सकती हैं। ईरान के 13 प्रोविंस में महिला म्यूज़िशियन और पर्फ़ॉर्मर को स्टेज पर पर्फ़ॉर्म करना मना है।

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