प्रेग्नेंसी के दौरान भूलकर भी ना खाए ये फूड्स, हो सकता है गर्भपात का खतरा
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला के सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है और इसके लिए सबसे जरूरी है उसके खान पान का ध्यान रखना ..क्योंकि मां के खान-पान का गर्भ में पल रहे बच्चे पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स भी प्रेग्नेंट महिलाओं को संतुलित भोजन करने की सलाह देते हैं । इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ चीजों के सेवन से बचना भी जरूरी है क्योंकि कई सारे खाद्य पदार्थ ऐसे है जिसके सेवन से प्रेग्नेंसी में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है । आज हम आपको ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों को बारे में बता रहे हैं।
पपीता
वैसे तो पपीता का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है.. इसमें कैल्शियम, फाइबर, फ्लेवोनॉइड और कैरोटेनॉयड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन करने से मना करते हैं क्योंकि प्रेग्नेंसी में पपीता खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है। दरअसल पपीता में लेटेक्स होता है जो कि यूटेराइन कॉनट्रैक्शन को बढ़ावा देता है जिससे कि प्रेग्नेंसी के दौरान समय से पहले ही लेबर पेन शुरू हो सकता है और यहां तक कि इसकी वजह से गर्भपात भी हो सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि गर्भवती महिलाएं पपीता का सेवन ना करें।
शराब
शराब का सेवन तो आम व्यक्ति के लिए भी नुकसानदायकअगर है पर गर्भवती महिलाओं को तो इसके सेवन से खास तौर पर बचना चाहिए। क्योंकि इससे से समयपूर्व प्रसव की संभावना बढ़ जाती है और साथ ही ये बच्चे की मानसिक क्षमता को भी प्रभावित करता है और इसकी वजह से बच्चे का वजन भी सामान्य से कम हो सकता है।
कॉफी
स्वास्थ्य शोध बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान कॉफी का सेवन करने से गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि कैफीन डाइयूरेटिक होता है यानी इसका सेवन शरीर से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में द्रव्यों के निष्कासन का काम करता है। ऐसे में इसकी वजह से शरीर में पानी और कैल्शियम की भारी कमी हो सकती है। जो कि गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है । इसलिए बेहतर यही है कि गर्भावस्था में कॉफी की बजाय दूध और ताजा फलों के जूस का सेवन किया जाए।
कच्चा अंडा
सेहत बनाने के लिए कई लोग कच्चे अंडे का सेवन करते हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि कच्चे अंडे में सालमोनेला बैक्टीरिया होता है, जिसके कारण गर्भवती महिला को फूड प्वॉयजनिंग हो सकता है.. दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है.. इसलिए वो आसानी से इस बैक्टीरिया के कारण फूड प्वॉयजनिंग की शिकार हो सकती हैं.. साथ ही ये सालमोनेला बैक्टीरिया गर्भ में पल रहे बच्चे को भी सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
एलोवेरा
आमतौर पर एलोवेरा के जूस का सेवन फायदेमंद माना जाता है पर गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि एलोवेरा में एंथ्राक्विनोन होता है जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला की तबीयत खराब हो सकती है और गर्भपात भी हो सकता है.. साथ ही इसका गर्भ में पले रहे बच्चे के सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है । ऐसे में इसका सेवन प्रेग्नेंट महिलाएं ना ही करें तो बेहतर रहेगा .. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान इसका बाहरी उपयोग जैसे त्वचा पर एलोवरा क्रीम लगाने से कोई नुकसान नहीं होता है। (और पढ़ें – एलोवेरा के औषधीय गुण)