बच्चों को खिलाएं ये चीजें उम्र भर नहीं होगी उसकी आंखे खराब
बच्चों की आंखों के लिए जरूरी विटामिन: आंखों की रोशनी हर किसी के लिए जरूरत होती है, लेकिन मौजूदा दौर में छोटे छोटे बच्चे इसके शिकार हो जाते हैं, जोकि न तो आपके लिए हितकारी है और न ही आपके बच्चे के लिए। ऐसे में हम आज आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आजमा कर आप नेत्र रोग से अपने बच्चे को बचा सकती हैं। जी हां, एक समय था जब केवल बुजुर्गों को ही चश्मा लगता था, लेकिन अब तो छोटे छोटे बच्चे भी इसके आदी हो चुके हैं, ऐसे में यह समस्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। आइये जानते हैं कि आखिर कैसे और कितने प्रतिशत भारतीय इसके चपेत में आ चुके हैं?
अगर आपके बच्चों के आंखों में नेत्र रोग की जरा भी लक्षण दिखे तो आपको बिना किसी देर के डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। बता दें कि नेत्र रोग में लेजी आई सिंड्रोम, भैंगापन, रतौंधी, रेटिनोपेथी, मायोपिया, हाइपरोपिरा जैसी तमाम समस्या होती है, ऐसे में अगर आपके बच्चों की आंखों में जलन या सिर में दर्द हो तो आपको बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये नेत्र रोग के शुरूआती लक्षण होते हैं, जो धीरे धीरे आपके बच्चों की आंखो की रोशनी भी छीन सकते हैं।
बता दें कि कोई भी बिमारी का अगर सही समय रहते हुए ईलाज करा लें तो बिमारी आपको नहीं खा सकती है, ऐसे में बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां बता दें कि बच्चों को टीवी, मोबाइल इन सब चीजोंं से दूर रखना चाहिए, वरना उनकी आंखों की रोशनी जल्दी ही खराब हो सकती है। एक शोध में बताया जा चुका है कि ज्यादातर बच्चों की आंखों की रोशनी मोबाइल, टीवी, लैपटाप आदि की वजह से ही खराब होती है, क्योंकि बच्चों की नई नई आंखें ये सारी चीजें झेल नहीं पाती हैं।
अगर बच्चों में दिखे ये लक्षण तो हो जाए सावधान
जी हां, आपको अपने बच्चे की हर एक हरकत में नजर रखनी चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो अपने बच्चे को हर छोटी बड़ी बीमारियों से बचा सकते हैं। अगर आपको जरा भी उसके नजर कमजोर होने का एहसास हो तो आपको बिना किसी देर के उसका चेकअप करवा लेना चाहिए। यहां बता दें कि नेत्र कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यह है कि ये एक अनुवांशिक रोग है, ऐसे में अगर माता पिता को नेत्र से संबंधी रोग है, तो बच्चे को भी हो सकता है। बता दें कि आंखो में होने वाले रोग का एक नाम मायोपिया है। जी हां, मायोपिया अनुवांशिक रोग है, जोकि माता पिता से बच्चों में आ सकता है।
बता दें कि मायोपिया आंखों का रोग है, इस रोग में इंसान दूर की चीजों को ठीक तरह से नहीं देख पाता। अगर मेडिकल भाषा में कहे तो इसे आप निकट दृष्टि रोग भी कह सकते है। इस रोग में व्यक्ति को पास की चीजें बहुत ही साफ दिखाई देती है, लेकिन उसे दूर की नहीं दिखाई देती है। ऐसे में अगर ये रोग आपको है तो इसका जांच करा लें ताकि यह आपके बच्चे को न हो सके। बचपन में यह समस्या कम होती है, लेकिन जैसे ही बच्चा व्यस्क हो जाता है, तो उसके लिए ये बहुत ही गंभीर बिमारी हो जाती है। ऐसे में आपको बच्चे की आंखो का समय समय पर जांच करवानी चाहिए।
बच्चों की आंखों के लिए जरूरी विटामिन
1.विटामिन ए
बच्चों को नेत्र रोग से बचाना है, तो सबसे पहले उसकी डाइट में उन चीजों को शामिल करें, जिसमें विटामिन ए की मात्रा भऱपूर हो। जी हां, विटामिन ए रेटिन पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है, इससे आपके बच्चों की आंखे खराब होने से बच सकती हैं। विटामिन ए की कमी से आंखों में बड़ा प्रभाव पड़ता है। अगर आपके बच्चे को बचपन में विटामिन ए की कमी हो जाए तो समझ लीजिए आपके बच्चे को नेत्र रोग होने से कोई नहीं बचा सकता है। विटामिन ए की कमी का मुख्य लक्षण है कि बच्चे को अंधेर में देखने में दिक्कत होती है। मतलब वो अधेंरे में चीजों को साफ साफ नहीं देख पाता है।
क्या खिलाएं बच्चों को
विटामिन ए की कमी से निजात पाने के लिए आपको बच्चे को गाजर और दूध जैसे आहार खिलाने चाहिए। बता दें कि गाजर और दूध में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा आपको बच्चे को हरी सब्जी खिलानी चाहिए, इसमें भी विटामिन ए की मात्रा मिलती है। इन सबके अलावा बच्चे की आंखो को सुबह सुबह ठंडे पानी से धुलना चाहिए।
2.विटामिन ई और सी
विटामिन ई और सी दोनों ही बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बता दें कि विटामिन ई और सी की कमी से मोतिया और उम्र के मांसपेशियोंं में पड़ने वाला रोग हो जाता है, ऐसे में यह रोग ज्यादा बड़ा तो नहीं होता है, लेकिन अगर आप बच्चें को विटामिन ई और सी नहीं खिलाएंगे देंगे तो समय के साथ साथ यह रोग आपके बच्चे की रोशनी भी छीन सकता है। ऐसे में आपको बच्चे की डाइट को बिल्कुल परफेक्ट बनाना चाहिए, जिसमें सभी विटामिन्स की मात्रा भरपूर हो।
क्या खिलाएं बच्चों को
विटामिन ई और सी की कमी को दूर करने के लिए आपको संतरा, गोभी, गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी के बीज, बादाम, बटर, पनीर आदि आहारोंं को खिलाना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे को विटामिन से भरपूर चीजें खिलाएंगे तो उसे किसी भी रोग से जूझना नहीं पड़ेगा साथ ही वो खुशी खुशी अपने लाइफ को जी सकता है।
ध्यान रखने वाली बात
बच्चों को किसी भी प्रकार प्रेशर न दें। साथ ही बचपन में बच्चे को बिल्कुल भी खेलने से न रोके। इतना ही नहीं आपको बच्चों को यह भी बताना चाहिए कि उन्हे किताब को कितनी दूर रखकर पढ़ना चाहिए, क्योंकि अगर आपका बच्चा बिल्कुल किताब में घुसकर पढ़ाई करता है, तो उसकी आंखे कमजोर हो सकती हैं।