भारत-रूस के बीच S-400 मिसाइल सिस्टम के लिए होगी डील, अब देश के दुश्मनों की खैर नहीं!
नई दिल्लीः भारत के साथ रूस जल्द ही S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की 39 हजार करोड़ की डील फाइनल करेगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन गोवा में ब्रिक्स समिट के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उसी दिन 39 हजार करोड़ रुपए वाली इस डील पर दस्तखत किए जा सकते हैं। यह एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400 missile system deal) 400 किमी की दूरी से आ रहे दुश्मनों के विमान, मिसाइलों और ड्रोन को एक साथ ट्रैक कर सकेगा।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक रूस की सरकारी मीडिया की ओर से गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन की पीएम मोदी के साथ होने वाली वार्षिक शिखर वार्ता के बाद कई अहम रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
भारत और रूस के बीच ‘मेक इन इंडिया’ के तहत एक बिलियन डॉलर के काफी दिनों से लंबित पड़े 200 कामोव226 हल्के हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन के समझौते पर भी हस्ताक्षर होंगे।
राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान गोवा में S-400 डील (S-400 missile system deal), और हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन के समझौते को आखिरी रूप दिया जाएगा।
ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों ई-वाणिज्य में सहयोग का आह्वान –
गुरुवार को ब्रिक्स के व्यापार मंत्रियों ने ई-वाणिज्य के क्षेत्र में सदस्य देशों के बीच और अधिक सहयोग का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने विश्व बाजार में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मजबूत भागीदारी के लिए व्यापार के मार्ग में गैर-शुल्क अड़चने दूर किए जाने पर बल दिया। ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों की छठी बैठक के बाद जारी बयान में व्यापार से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया गया।
ब्रिक्स को अक्षय ऊर्जा के लिए 51 अरब डॉलर की जरूरत –
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अतिरिक्त क्षमता सृजन का लक्ष्य हासिल करने के लिए ब्रिक्स देशों को हर साल 51 अरब डॉलर अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी। इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी एकोनामिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए)ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ब्रिक्स देशों के अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्यों को हासिल करने के अकेले सार्वजनिक वित्त संस्थानों से सालाना करीब 10 अरब डॉलर की जरूरत होगी।
इन अहम समझौतों पर हो सकती है बातचीत –
S-400 एयर डिफेंस मिसाइल (S-400 missile system deal)–
भारत-रूस के बाच जिन समझौतों पर बातचीत जारी है उनमें सबसे महत्वपूर्ण है S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम। भारत की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में इसे काफी अहम माना जा रहा है। भारत इस तरह के पांच सिस्टम को हासिल करने की तैयारी में है।
न्यूक्लियर सबमरीन –
डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन्स के अलावा भारत रूस से परमाणु संपन्न सबमरीन लीज पर लेने की तैयारी में भी है। भारत की कोशिश हिंद महासागर में अपनी क्षमता विस्तार की है और रूस से लीज पर लिए गए इस न्यूक्लियर सबमरीन से इस क्षेत्र में भारत का दबदबा और बढ़ेगा।
Mi-17 V-5 मध्यम ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर –
भारत की कोशिश वायु सेना के लिए मध्यम क्षमता के 48 ऐसे हेलीकॉप्टर खरीदने की भी है। अभी तक भारत में ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों के रूप में Mi-17 हेलीकॉप्टरों पर ही निर्भरता है। अगर रूस से बातचीत फाइनल होती है तो आपात स्थिति में मदद पहुंचाने और ऑपरेशन चलाने की एयरफोर्स की क्षमता में और बढ़ोत्तरी होगी।
इंफैट्री कॉम्बैट व्हिकल्स –
सशस्त्र बलों को ले जाने के लिए इंफैट्री कॉम्बैट व्हिकल्स की खरीदारी के लिए भी भारत रूस से बातचीत कर रहा है। भारत इस डील के जरिए रूस से ऐसे 100 से अधिक वाहन खरीदने की कोशिश में है।
भारतीय नेवी के लिए दो डीजल-इलैक्ट्रिक सबमरीन –
रूसी मीडिया में छपी रिपोर्टों के अनुसार भारतीय नेवी के लिए रूस से दो डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन खरीदने के लिए भी बात कर रहा है।