पैसे देकर यहाँ ख़रीद सकते हैं अपने पसंद की दुल्हन, हर साल लगता है यह अनोखा बाज़ार, जानें
पैसे देकर ख़रीद सकते हैं दुल्हन: शादी-विवाह हर व्यक्ति के लिए बहुत ही ख़ास मौक़ा होता है। यही वजह है कि हर व्यक्ति यह सोचता है कि उसका यह ख़ास मौक़ा और भी ख़ास बन जाए। इसके लिए वह कई महीनों पहले से ही तैयारियाँ करने लगता है। कुछ लोग तो अपनी शादी को लेकर काफ़ी उत्साहित होते हैं। अपनी शादी को लेकर उत्साहित होने वालों में लड़कियाँ सबसे आगे होती हैं। आज दुनिया में तेज़ी से तरक़्क़ी और तकनीकी विकास हो रहा है। आज हर क्षेत्र में लड़कियाँ लड़कों की तुलना में बराबरी में खड़ी हैं, लेकिन आज भी महिलाओं की स्थिति क्या है, यह किसी से छुपी हुई नहीं।
कुछ जगहों पर महिलाएँ हैं वस्तु:
जी हाँ आज भले ही कुछ देशों में महिलाओं को बहुत सारे अधिकार दे दिए गए हों, लेकिन दुनिया के कुछ ऐसे देश भी हैं, जहाँ महिलाओं की आज भी बोली लगती है। ऐसी चीज़ें देखने के बाद यही लगता है कि आज भी हम किस सदी में जी रहे हैं। ऐसा तो पहले के समय में ही हुआ करता था, जब महिलाओं और पुरुषों को बेचा-ख़रीदा जाता था। लेकिन आज भी कई जगहों पर ऐसा देखने को मिल जाता है। आज भी कुछ लोगों के लिए महिलाएँ एक वस्तु दे बढ़कर नहीं हैं।
चार साल में एक बार सजता है दुल्हन का बाज़ार:
सामान्यतौर पर हम बाज़ार उसी समय जाते हैं, जब हमें कोई ज़रूरत की चीज़ ख़रीदनी होती है। लेकिन क्या आपने कभी इस बात की कल्पना की है कि आपको दुल्हन की ज़रूरत हो और वह भी आपको बाज़ार में मिल जाए। जी हाँ अगर आप बुल्गारिया में जाएँगे तो वहाँ पर ऐसा कर सकते हैं। आपको बता दें यहाँ के स्तारा जागोर नाम की जगह पर हर चार साल में दुल्हनों का बाज़ार सजता है। यहाँ आकर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद की लड़की ख़रीदकर उसे अपनी दुल्हन बना सकता है।
देना पड़ता है लड़की के परिवार वालों को रक़म:
जानकारी के लिए आपको बता दें यह मेला उन ग़रीब परिवारों द्वारा लगाया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये लोग अपनी बेटी की शादी का ख़र्च नहीं उठा सकते हैं। बाज़ार में लड़कियों को दुल्हन की तरह सजाकर लाया जाता है। यहाँ लगभग हर उम्र की महिलाएँ बिकती हैं। यहाँ दुल्हन ख़रीदने के लिए अक्सर लड़के के साथ उसके परिवार वाले भी पहुँचते हैं। पहले लड़का अपनी पसंद की लड़की का चुनाव करता है, फिर बाद में उसके साथ बातचीत करता है। लड़की पसंद आने के बाद उसे दुल्हन के रूप में स्वीकार कर लेता है और लड़की के परिवार वालों को तय रक़म देता है।
इस परम्परा पर नहीं है क़ानूनी रोक-टोक:
दुल्हन बेचने और ख़रीदने का यह चलन सदियों से चल रहा है और इसपर कोई क़ानूनी रोक-टोक भी नहीं है। आपको बता दें दुल्हनों का यह बाज़ार बुल्गारिया के कलाइदझी समुदाय के लोगों द्वारा लगाया जाता है। इस समुदाय के लोगों के अलावा कोई बाहरी व्यक्ति दुल्हन नहीं ख़रीद सकता है। बाज़ार में लड़कियों के साथ उनके परिवार के लोग भी आते हैं। भारत में लड़के वाले दहेज लेते हैं लेकिन यहाँ परम्परा उल्टी है। यहाँ पर लड़की वाले दहेज के रूप में रक़म लेते हैं। बाज़ार में कड़के को पसंद आयी लड़की को ही परिवार वालों को अपनी बहु मानना पड़ता है।