“आप” विधायको को मिला आखिरी मौका, क्या होगा चुनाव आयोग का फैसला ?
राजनीती की सुर्ख़ियों में केजरीवाल और आप सरकार का नाम अक्सर छाया ही रहता है पर वो अलग बात है कि देश का भला करने हेतु नहीं बल्कि अपने बुरे कार्यो की वजह से ये हमेशा मीडिया की नज़रो में बने ही रहते है या यू कहा जाये कि खुद को दुनिया के सामने बनाये रखने के लिए नमूनों जैसे कार्य करते रहते है ! अब तक केजरीवाल जूतों, स्याही और लोगों की गंभीर गालियों जैसे हथियारों का शिकार हो चुके है और केजरीवाल ही क्यूँ उसकी आप सरकार भी उससे पीछे नहीं है !
आप विधायको पर लगे आरोप ..वैसे आपको याद तो होगा ही कि आप सरकार के 21 विधायको पर काफी समय पहले आरोप लगाए गए थे कि वो अपने पद का गलत इस्तेमाल कर अपने पद का लाभ उठाते है और अपनी सुविधाओ को पूरा करते है ! जब ये मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा तब आप विधायको के विरुद्ध एक नोटिस जारी किया गया जिसमे लिखा था कि इन सभी विधायको को अपना पक्ष चुनाव आयोग के सामने रखना है और अगर ये विधायक दोषी पाए गए तब इन्हें इनके पद से हटा दिया जायेगा ! यानि इनकी सदस्यता छीन ली जाएगी ! ये नोटिस मिलने के बाद भी “आप” के विधायक अपनी करतूतों से बाज़ नहीं आये और अब भी आये दिन किसी न किसी कांड की शिकायत उनके खिलाफ दर्ज ही रहती है ! पर गौतलब है कि आप विधायको के खिलाफ ये कारवाई जुलाई में शुरू हुई थी और अब अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका है और फैसले का कोई अता पता ही नहीं ! वैसे इसमें चुनाव आयोग का भी कोई कसूर नहीं क्योंकि केजरीवाल जिस तरह अपने विधायको को बचाने की कोशिश कर रहा है ऐसा लगता नहीं कि अगले साल तक भी फैसला हो सकेगा ! अब तक इस मामले में दस तारीखे बढ़ाई जा चुकी है पर आप सरकार हर बार कोई न कोई तरकीब लगा कर तारीख को आगे बढ़वा देती है !
“आप” सरकार के पैंतरे …वैसे आपको बता दे कि इस महीने की 7 अक्टूबर की तारीख भी निश्चित की गयी थी लेकिन तभी 7 अक्टूबर को एक और अर्ज़ी लगाकर ये कहा गया कि उनको अभी तक सारे दस्तावेज़ नहीं मिले हैं तो वो सारे दस्तावेज़ उनको दिए जाएँ और उनको उन दस्तावेजों पर जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का वक़्त भी दिया जाए ! वाह केजरीवाल जी आपके पास तो हर तारीख के लिए एक नया झूठ हमेशा तैयार रहता है ! क्यूँ सही कहा न हमने ? पर इस बार शायद आपके “आप ” विधायको की किस्मत खोटी निकली तभी तो चुनाव आयोग ने दस्तावेज़ तुरंत हाज़िर करा दिए लेकिन उन पर जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का नहीं बल्कि एक ही हफ्ते का वक़्त दिया है.! अब आपके नए पैंतरे का इंतज़ार तो सबको रहेगा पर लगता नहीं इस बार आपकी कोई साज़िश काम आएगी क्योंकि इस बार चुनाव आयोग ने पक्के तौर पर 17 अक्टूबर तक का वक़्त दिया है और ऐसा लगता है कि इस बार दीवाली पर आपके विधायको का दिवाला निकलने वाला है ! साथ ही ये भी ज़ाहिर कर दिया गया है कि अगर इस बार विधायको ने जवाब नहीं दिया तो उन्हें दोबारा अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जायेगा ! अब तो ऐसा लगता है कि आप के विधायको का सर्जिकल स्ट्राइक का वक़्त आ चुका है ! वैसे इस मामले को लेकर विधायको ने बहुत हाथ पैर चलाये थे ! पर जब कुछ हाथ नहीं लगा तो आम आदमी पार्टी ने 21 विधायकों के मामले में चुनाव आयोग को शिकायत करने के बाद राष्ट्रपति और हाई कोर्ट में भी याचिका लगाई थी ! पर जब राष्ट्रपति ने संसदीय सचिव की नियुक्ति वाले बिल को गलत ठहराया तो हाई कोर्ट में खुद केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट के अगस्त महीने में दिए गए आदेश का हवाला देकर नियुक्ति को गैर कानूनी मान लिया क्योंकि उन नियुक्तियों में उपराज्यपाल की सहमति नहीं ली गयी थी !
चुनाव आयोग का आखिरी फैसला ..पर अब खुद चुनाव आयोग ने ये साफ़ कर दिया है कि आप विधायको के पास ये आखिरी मौका है और अब अगर ये सिद्ध हो गया कि आप विधायक वाकई अपने पद का लाभ उठाते थे तो उन सभी 21 विधायको को “आप” की सदस्यता से हटा दिया जाएगा ! लगता है अब केजरीवाल और आप सरकार के अच्छे नहीं बुरे दिन आने ही वाले है ! पर ये तो तय है कि चुनाव आयोग इस बार अडिग रहेगी और अपना फैसला और तारीख नहीं बदलेगी !
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