जेएनयू से लापता हुआ नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है, सामने आई हैरान कर देने वाली सच्चाई
नई दिल्ली – 15 अक्टूबर 2016 को दिल्ली के जेएनयू से एक छात्र अचानक लापता हो गया था। शायद आपने भी ये ख़बर पढ़ी होगी। इस छात्र का नाम नजीब अहमद था, जिसे लेकर कांग्रेस और आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने काफी बवाल किया। नजीब और एबीवीपी के बीच मारपीट हुई थी जिसके दो दिन बाद वह लापता हो गया था। एबीवीपी का कहना था कि नजीब गायब नहीं हुआ है बल्कि उसने आईएसआईएस ज्वाइन कर लिया है। हालांकि, बाद में ये बात साफ हो गई की वह जेएनयू में शामिल नहीं हुआ है बल्कि उसके जैसा ही दिखने वाले एक लड़के की तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं। लेकिन, अब ढ़ेढ साल बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है।
जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती
यह खबर सोशल मीडिया पर उस वक्त सामने आई जब सोमवार, 26 जनवरी को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की वाइस प्रेसिडेंट शेहला राशिद जेएनयू नजीब अहमद के मामले में प्रदर्शन करने सीबीआई के मुख्यालय में पहुंचीं। शेहला वहां पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाने गई हुई थी। उसी वक्त सोशल मीडिया पर एक खबर काफी तेजी से वायरल होने लगी जिसमें कहा जा रहा था कि जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है।
ये खबर हो रही है वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली इस खबर में एक निजी टीवी चैनल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा जा रहा था कि जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है। इस खबर के झांसे में कॉलमिस्ट शेफाली वैद्य भी आ गई और उन्होंने ट्वीट किया कि, ‘यह वही नजीब है, जिसे लेकर जेएनयू में प्रदर्शन किए जा रहे हैं।’ लेकिन, इस खबर की सच्चाई कुछ ऐसी थी जिसपर आपको भी यकीन नही होगा। आपको बता दें कि नजीब 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू परिसर से लापता हो गया था। काफी बवाल मचने के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था। लेकिन अभी तक सीबीआई इस मामले में कुछ पता नहीं लगा सकी है। ऐसे में ये खबर सामने आ रही है कि जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है।
क्या है इस वायरल खबर का सच
दरअसल, यह खबर पूरी तरह से गलत है कि जेएनयू से लापता नजीब अहमद ISIS में भर्ती हो चुका है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब शेफाली वैद्य के ट्वीट पर एबीवीपी के नेता गौरव झा ने रिप्लाई करते हुए लिखा – ‘आपने जो आर्टिकल शेयर किया है वह साल भर पुराना है और इसके फर्जी होने की पुष्टि हो चुकी है।’ आपको बता दें कि जिस नजीब ने आईएसआई ज्वाइन किया है वह केरल का रहने वाला है, ना कि जेएनयू का। दरअसल, इस खबर के वायरल होने के पीछे असल वजह दोनों का नाम एक जैसा होना था। इसकी वजह से ही यह फर्जी खबर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी। उम्मीद है इस सच को जानने के बाद आप इस तरह की खबरों को शेयर करने और इनपर भरोसा करने से पहले एक बार जांच पड़ताल जरुर कर लेंगे।