योगी राज में यूपी में मनी ऐतिहासिक होली, दरगाह भी हुआ रंगो से सराबोर
यूपी में कई सालों बाद बनी बीजेपी सरकार के अगुवा सीएम योगी आदित्यनाथ की ये मुख्यमंत्री बनने की पहली होली है। जिसको उन्होने धूमधाम से मनाया। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी ने मंदिर परिसर में सांधु-संतों के साथ होली खेली। इस दौरान मंदिर परिसर में पूरे गोरखपुर से लोग जुटे थे। सीएम ने सबसे पहले श्रद्धालुओं के साथ होलिका की राख की पूजा अर्चना की। उसके बाद प्रशासन द्वारा बनाए गए मंच पर चढ़कर श्रद्धालुओं के साथ मंदिर परिसर में होली खेली। इसके अलावा पूरे देश में लोगों ने होली के पर्व को धूमधाम से मनाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली होली
वहीं, इससे पहले सीएम योगी ने गुरुवार को ट्वीट कर प्रदेशवासियों को होली की बधाई दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, व्यक्तिगत एवं सामाजिक बुराईयों के समूल नाश का प्रतीक होली दहन पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। शुक्रवार को होली खेलने के लिए सीएम योगी गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मंदिर परिसर में पूजा करने के बाद होली खेली। मठ के चबूतरे पर श्रद्धालुओं ने ढोल लेकर फगुआ गाना शुरू कर दिया था। मथुरा से आए संत प्रसाद दूबे, जवाहर कसौधन, कैलाश यादव और दूसरे लोग एक से बढ़ कर एक फगुआ गा रहे थे।
होली पर अखिलेश ने छुए शिवपाल के पैर
यूपी में सियासी होली का भी खूब दौर चला। पूर्व सीएम एवं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार की शाम अपने पूरे परिवार के साथ सैफई पहुंचे। उनके साथ पत्नी डिंपल यादव, बच्चे अर्जुन और टीना भी आए हैं। कार्यकर्ताओं ने अखिलेश- शिवपाल यादव जिंदाबाद के नारे भी लगाए। चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छूकर अखिलेश ने आशीर्वाद लिया। एक मंच पर साथ बैठकर सभी ने एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। समाजवादी पार्टी में चल रही घरेलू कलह के बीच यह पहला मौका है जब पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा हुआ है। चाचा-भतीजे ने एक साथ मंच साझा किया। सपा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सैफई वालों के फूलों की होली। वहीं होली समारोह के लिए पहुंचे मुलायम सिंह यादव की तबियत बिगड़ गई। जिसके चलते वो लखनऊ वापस लौट आए।
बाराबंकी में दिखी गंगा जमुनी तहजीब
इसके अलावा यूपी के बाराबंकी ज़िले में सूफी फ़क़ीर हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर होली खेली गई। जिसमें पूरे जिले से लोग और नेता शामिल हुए। नेताओं में कांग्रेस के पीएल पुनिया लोगों के बीच पहुंचे और होली खेली। यहां कब से होली होती है, यह सही-सही किसी को नहीं मालूम। लेकिन इसमें शिरकत करने मुल्क के तमाम हिस्सों से तमाम मज़हबों के लोग आते हैं। हाजी वारिस अली शाह का रिश्ता पैगम्बर मोहम्मद साहब के खानदान से माना जाता है।