भारतीय बाजारों में डॉलर से भी महँगा हुआ एक रूपये का नोट!
पुरे विश्व में जमाखोरों की वजह से हर चीज की कीमत बढ़ जाती है ऐसा केवल भारत में ही नहीं होता है। कुछ समय पहले भारत में प्याज को जमाखोरों ने अपने कब्जे में कर रखा था और बाजार में आपूर्ति कम होने की वजह से इसकी कीमतें आसमान छू रही थी। अभी कालाबाजारी करने वालों की नजर एक रूपये के नोट (One Rupee Note) पर है। आपको बता दें कि यह इकलौता नोट है जिसे भारत सरकार छापती है, इसपर गवर्नर के नहीं बल्कि वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। नोट को छापने में ज्यादा लागत लगने की वजह से भारत सरकार ने इसे 1994 में छापना बंद कर दिया था।
2015 में भारत सरकार ने इसे फिर से छपकर बाजार में लाने की कोशिश की। लेकिन इस बार इस नोट पर कालाबाजारी करने वालों की नजर पड़ गयी है। बताया जा रहा है कि यह नोट देखने में बहुत ही खूबसूरत है इस वजह से लोग इसकी जमाखोरी करके इसको काले बाजार में महँगे दामों पर बेचने लगें हैं। इस एक रूपये के नोट (One Rupee Note) को छापने में भारत सरकार को 1.14 पैसे की लागत आती है। दिल्ली के बाजारों में इस नोट की खुलेआम कालाबाजारी की जा रही है, दिल्ली में एक नोट 4- 5 रूपये में बेचा जा रहा है।
जहाँ तक ऑनलाइन मार्केट का सवाल है इबे पर 2015- 2016 के एक रूपये के नोट के बण्डल को 700- 800 रूपये में बेचा जा रहा है, यानी एक नोट की कीमत 7-8 रूपये में बिक रहा है। वहीँ जानकारी के अनुसार एक अन्य ऑनलाइन मार्केट की वेबसाइट है जो एक के नोट को 99 रूपये में बेच रही है जो डॉलर के मुकाबले लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है।
पुरे बण्डल (One Rupee Note)की कीमत इबे पर 250000 रूपये है
वहीँ 1991 के एक रुपये के नोट के बण्डल की कीमत आपके सोच से भी महंगी है। पुरे बण्डल की कीमत इबे पर 250000 रूपये है जो डॉलर क्या पाउंड से भी कई गुना महँगा है। कालाबाजारी का यह आलम आ गया है कि लोगों को एक की नोट (One Rupee Note) देखने को नहीं मिल रही है।
आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक रूपये की नोट के लिए इतनी मारामारी मच सकती है। हालांकि यह कीमत केवल भारत में ही है, यहीं के लोग एन रूपये के नोट की कालाबाजारी कर रहें हैं।