14 साल के लड़के ने दिए 20 अंडे, जांच करने आए डॉक्टर भी रह गए सन्न
अंडा का नाम आते ही दिमाग में मुर्गी दौड़ जाती है। आमलेट, बॉयल, अंडाकरी जैसा स्वाद जीभ याद करने लगती है। लेकिन कुछ और अंडे भी हैं, जो परीक्षा में मिलते हैं। जिनको मास्टर जी देते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अंडे देने में आगे हैं। हाल में ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं इंडोनेशिया से जहां दावा है कि एक लड़का अबतक 20 अंडे दे चुका है। लड़का बीते तीन सालों से ये कारनामा कर रहा है। जिससे डॉक्टर भी हैरान हैं।
पहले मुर्गी आई या अंडा, यह सवाल तो आपने कई बार सुना होगा। लेकिन अंडे और मुर्गी का संबंध तो आपको पता ही है। विज्ञान तो ये ही कहता है कि इंसान अंडे नहीं दे सकता। ऐसा होना नामुमकिन है, मगर ये तो विज्ञान कहता है। लड़का जो कह रहा है और कर रहा है, वो तो उन्होंने खुद भी देखा, और अब वो इस पहेली को बूझने में लगे हैं। इंडोनेशिया का एक लड़का अंडे देता है और दो साल में अब तक 20 अंडे दे चुका है। जब डॉक्टरों को इस बात का पता चला और उन्होंने इसे सीधे देखा दो हैरान रह गए।
डॉक्टर कर रहे हैं जांच
जानकारी के मुताबिक यह मामला इंडोनेशिया के दक्षिण में स्थित सुलावेसी राज्य के गोवा का है। जहां रहने वाले लड़के का नाम अकमल है । उसके पापा रुसिल की माने तो उनका बेटा जो अंडा देता है, उसमें या तो बस पीला वाला हिस्सा होता है, या फिर सफेद वाला। पहली बार जब उन्होंने अकमल के दिए अंडे को फोड़ा, तब उसमें पीला हिस्सा, यानी ऐग यॉक ही था। पहले तो डॉक्टरों को इस बात पर भरोसा नहीं हुआ। लेकिन सोमवार को अकमल ने जब डॉक्टरों के सामने दो अंडे दिए, तो वे हैरान रह गए। डॉक्टरों के मुताबिक मनुष्यों के लिए अंडे देना असंभव है। स्थानीय स्येच युसुफ अस्पताल के डॉक्टरों के एक दल ने इन अंडों का परीक्षण किया तो पाया कि यह मुर्गी का अंडा हैं। डॉक्टरों को शक है कि इन अंडों को जानबूझकर इस लड़के के अंदर डाला गया है।
जानबूझ कर डालने का शक
वहीं अस्पताल के प्रवक्ता मोहम्मद तस्लीम कहते है – हमें संदेह है कि इन अंडों को जानबूझ कर उसके अंदर डाला गया। लेकिन हमनें इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं। वैज्ञानिक रूप से मानव शरीर के भीतर अंडे नहीं बन सकते। यह असंभव है, विशेषरूप से पाचन तंत्र में। तस्लीम का कहना है कि अकमल को एक सप्ताह के लिए निगरानी में रखा गया है। इस दौरान अकमल के पिता ने कहा कि उसने कभी भी समूचा अंडा नहीं खाया और न ही इस मामले में कोई काला जादू है।
पिता बोले काला जादू नहीं
अकमल के पिता रुस्ली ने कहा, दो साल में उसने 18 अंडे दिए और 2 आज, यानी उसने कुल 20 अंडे दिए हैं। मैंने जब पहला अंडा फोड़ा था तो यह भीतर से पूरा पीला था। एक माह बाद जब मैंने दूसरा अंडा फोड़ा तो इसके भीतर पूरा हिस्सा सफेद था, पीला नहीं। मैं अपने गांव का इमाम हूं, और यहां पर कोई वूडू यानी काला जादू नहीं है।मुझे अपने खुदा पर ऐतबार है।
सबसे पहले इसने दिए थे अंडे
आपको बता दें, इंडोनेशिया में इससे पहले भी एक व्यक्ति ने अंडे दिए हैं। 2015 में उत्तरी जकार्ता के तैनजुंग वैंगी में बुजुर्ग काकेक सिनिन ने अंडे देकर सभी को चौंका दिया था। उसका कहना था कि मुर्गी के अंडों जैसे दिखने वाले यह अंडे उसने दिए हैं।