आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार ‘ऐसी स्त्री के साथ कभी ना करें विवाह’
आचार्य चाणक्य जो एक महान पंडित के नाम से प्रसिद्ध हैं, भला उनकी कही गई बातों पर प्रश्न कौन उठा सकता है। चाणक्य ने अपने सारे जीवन भर में जो भी अनुभव किया… उसके बारे में उन्होंने चाणक्य नीति में सब लिख डाला है। पंडित चाणक्य की लिखी हुई हर बात आज आधुनिक युग में भी फिट बैठती है। आचार्य चाणक्य का लिखा चाणक्य नीति एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मनुष्य के जीवन में सुधार लाने हेतु सुझाव दिए गए हैं। इस ग्रंथ में वो सभी सूत्र शामिल हैं, जिनसे हम अपने जीवन को सुधार और अति सरल बना सकते हैं, इसका पालन करने से हमारे जीवन में विशेष परिवर्तन आ सकता है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि आचार्य चाणक्य महान कूटनीतिज्ञ थे, यानी ऐसे दूरदर्शी थे कि आज देश दुनिया में उनके लिखे ग्रंथों में रिसर्च हो रहा है। स्त्रियों के सामान्य लक्षण के अलावा चाणक्य ने उनकी कुछ ऐसी बातों को भी नीति शास्त्र में सामने रखा है, जो उन्हें शादी के लायक नहीं बनातीं। चाणक्य के अनुसार ऐसी कुछ स्त्रियां होती हैं, जिनसे भूलकर भी पुरुषों को शादी नहीं करनी चाहिए। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में महिलाओं के बारे में काफी कुछ बातें कही हैं, जो कि महिलाओं का स्वभाव और उनकी सोच… महिलाएं किस तरह से व्यवहार करती हैं आदि से संबंधित है।
आज न्यूज ट्रेंड बताने जा रहा है आपको चाणक्य द्वारा बताए गए कुछ ऐसी स्त्रियों के बारे में जिनसे पुरुषों को शादी कभी नहीं करनी चाहिए, या यूं कहें की हमेशा बचना चाहिए।
सुंदरता भ्रम है
कभी किसी स्त्री की सुंदरता देख उसके लिए पागल ना हो जाए। जी हां, स्त्रियों की सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती है… यदि कोई पुरुष सिर्फ सुंदरता के आधार पर ही किसी स्त्री से शादी कर लेता है, तो हो सकता है कि उसे बाद में जाकर काफी पछताना पड़ जाए। यह ज़रूरी नहीं है कि जो दिखने में सुंदर हो उसका मन भी सुंदर ही हो, क्योंकि सुंदर काया होने के बावजूद हो सकता है उसका मन काला हो।
संस्कार ही सच्चा धन
चाणक्य के अनुसार जहां, अच्छे संस्कारों वाली महिला किसी भी घर को स्वर्ग बनाने का दम रखती है, तो वहीं बुरे संस्कारों वाली स्त्री अपने पूरे परिवार में तनाव पैदा कर देती है। आपके लिए अच्छा यही होगा कि आप ऐसी किसी स्त्री से शादी करने से बचें। घर में अगर कलह हो तो आपकी निजी ज़िंदगी भला कैसे खुशहाल हो सकती है।
नकारात्मता से बचें
कुछ महिलाएं आए-दिन शादी के बाद अपने रिश्तों को तोड़ने की बात करती रहती है, तो जान लें कि ऐसी स्त्री आपके व आपके परिवार के बारे में हमेशा नकारात्मक विचार ही रखती है। वह ना सिर्फ आपका दिल दुखाती है बल्कि परिवार को भी हानि पहुंचाने की तरकीब करती रहती है। भलाई इसी में है कि आप ऐसी स्त्री से बचकर रहें।
लोभी महिलाओं से दूर रहे
कुछ महिलाएं पैसों के लिए ही जीती है। पैसों का मोल उन्हें नहीं होगा और वह खुले हाथ अपने पति के मेहनत के पैसे ऐसे ही उड़ाती नज़र आएंगी। आचार्य चाणक्य के अनुसार ज्यादातर महिलाएं ज्यादा-से-ज्यादा धन को प्राप्त करने की लालसा रखती हैं और साथ ही धन व सोने के आभूषण के प्रति भी उनका लगाव ज्यादा रहता है। बता दें कि धन के लालच में आकर कुछ स्त्रियां सही-गलत का भेद तक भूल जाती हैं और घर को नर्क बना देती हैं।
गोपनियता भंग का खतरा
चाणक्य बताते हैं कि महिलाएं भरोसा करने लायक नहीं होतीं। क्योंकि चाणक्य के अनुसार महिलाओं के स्वभाव में कोई भी बात अपने तक अधिक समय तक छिपा नहीं सकतीं। ये आदत उन्हें भरोसे लायक नहीं बनाती।
संस्कारी स्त्री से ही करें विवाह
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अच्छे संस्कारों वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है, वह पति और उसके पूरे परिवार का ख्याल रखती है लेकिन बुरे संस्कारों वाली स्त्री सब तहस-नहस कर देती है। विवाह के लिए स्त्री के संस्कार, उसका स्वभाव, उसके लक्षण, उसके गुण-अवगुणों के बारे में जानना चाहिए। इन सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही स्त्री का विवाह के लिए चुनाव करना चाहिए।
सफल नहीं होता ऐसा विवाह
आचार्य चाणक्य कहते हैं – “वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्। रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।“ इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने यह समझाने का प्रयास किया है कि ‘कैसी स्त्री से विवाह करना चाहिए और कैसी स्त्री से नहीं’। ऐसे चरित्र वाली स्त्री ना केवल विवाह के रिश्ते को खराब करती है, बल्कि पूरे कुल का नाश करती है। वह उस पूरे परिवार को समाज के सामने बेइज्जत करती है। इसलिए विवाह के लिए हमेशा संस्कारी स्त्री का ही चुनाव करना समझदारी है।