ताजमहल को लेकर आया अब तक सबसे बड़ा चौंका देने वाला खुलासा, हिंदू-मुस्लिम सभी हुए दंग
ताजमहल मंदिर है या मस्जिद, इस बात को लेकर न जाने कितनी अफवाहों का बाजार गर्म हुआ, लेकिन अब एक ऐसा खुलासा हुआ है, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। जी हां, ताजमहल को लेकर पुरातत्व विभाग ने एक ऐसा खुलासा कर दिया है, जिसके बाद तू-तू और मैं-मैं का विवाद थोड़ा ठंडा हो सकता है, तो थोड़ गर्म भी हो सकता है। ताजमहल को लेकर पुरातत्व विभाग ने क्या खुलासा किया है, इसे जानने के लिए तो आपको हमारी इस रिपोर्ट को पूरा पढ़ना पढ़ेगा, वरना आप भी आधी अधूरी जानकारी लेकर अफवाहों के शिकार होंगे।
दशकों से चालू हैं ताजमहल विवाद, लेकिन इस विवाद को नया मोड़ यूपी की पर्यटन बुकलेट से मिला। जी हां, साल 2017 में यूपी की पर्यटन बुक से ताजमहल का नाम हटाने के बाद से ही इसे लेकर सियासी गलियारों से लेकर अटकलों के बाजारों तक का माहौल गर्म है। मामलें को शांत कराने के लिए सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को ताजमहल का दीदार करने जाना पड़ा था, लेकिन मामला नये नये तथ्यों पर घूमने लगा।
ताजमहल विवाद : ताजमहल मंदिर है या मस्जिद ?
कोई इसे शिव मंदिर बताता है, तो कोई इसे मस्जिद, इतना ही नहीं नेतागण तो इसको लेकर राजनीति भी चमकाने लगे हैं। बताते चलें कि ताजमहल को लेकर कई अफवाहे भी समय समय पर सामने आई हैं, लेकिन अफवाहों के बीच सच्चाई अक्सर डूब जाती है, और यही वजह होती है कि जनता पैनिक भी हो जाती है और इसका फायदा सिर्फ और सिर्फ राजनेता लोग ही उठाते हैं। तो आइये जानते हैं कि आखिर पुरातत्व विभाग ने ताजमहल को लेकर क्या बड़ा खुलासा किया है?
ताजमहल पर बड़ा खुलासा: ताजमहल मंदिर है या मस्जिद?
दरअसल, विवादों के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा की एक अदालत में एक हलफनामा पेश करने वाला है, जिसमें ये कहा गया है कि ताजमहल शहंशाह शाहजहाँ और उनकी पत्नी का मकबरा है। बता दें कि ताजमहल और तेजोमहल को लेकर जारी विवाद का मामला तब आग की तरह फैलने लगा जब ताजमहल की जगह शिव मंदिर होने की बात कही गई थी, ऐसे में अब ये मामला किस मोड़ पर मुड़ेगा ये तो वक्त ही बताएगा। दरअसल, ताजमहल की जगह शिव मंदिर होने का जवाब देते हुए पुरातत्व विभाग की वकील अंजनि शर्मा ने कहा कि ताज महल को शाहजहाँ के द्वारा उनकी पत्नी मुमताज महल के याद में बनवाया गया था।
मंदिर को लेकर ताजमहल में प्रदर्शन भी हुआ था
बीते साल ताजमहल में मंदिर की बात आग की तरह फैली, जिसको लेकर ताजमहल के अंदर और बाहर शिव चालीसा पढ़ने के साथ ही विरोध प्रदर्शन भी किया था। बता दें कि इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि ताजमहल के अंदर नमाज नहीं पढ़ा जाए, क्योंकि ये एक मंदिर है।