पैरों में सोना क्यों नहीं पहनती हिंदू महिलाएं? इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं बेहद अजीब
हमारे देश में विभिन्न जाति एवं धर्मों के लोग रहते हैं। हर धर्म का अपना एक अलग नियम होता है। हर धर्म के रीति-रिवाज अलग-अलग होते हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं हिंदू धर्म की, जिसमें पैरों में सोने के आभुषण पहनना सख्त रुप में वर्जित है। आपने भी शायद इस बात पर गौर किया होगा कि हिन्दु महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं लेकिन कभी आपने पैरों में सोने के आभुषण नहीं पहनती। पैर में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए? ये बात बहुत लोगों को मालूम नहीं है। हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म की महिलाएं अपने पैरों में सोनेके आभुषण नहीं पहनती है। हिन्दु महिलाएं अपने पैरों में सोना नहीं बल्कि चांदी या किसी अन्य धातु के बने अभुषण ही पहनती हैं।
पैर में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए? इसके दो कारण है। पहला धार्मिक और दूसरा वैज्ञानिक। तो आइये आपको बताते हैं कि हिन्दु महिलाएं आपने पैर में सोना क्यों नहीं पहनती हैं।
भारत एक धर्म प्रधान देश है जहां धर्म के प्रति लोगों की आस्था बाकी देशों के मुकाबले कही ज्यादा है। हमारे देश में हर बात को सबसेपहले धर्म से जोड़कर ही देखा जाता है। इसलिए हम सबसे पहले आपको पैर में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए? इसका धर्मिक कारण बताते हैं।
धार्मिक कारण
पैर में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए? इसके पिछे धार्मिक कारण ये है कि भारत में सोने को पूजनीय माना जाता है। सोना को अति शुभ धातु माना जाता है और केवल शुभ कार्यों के दौरान ही सोना के आभुषण पहने जाते हैं। सोना धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक है इसलिए हिन्दु महिलाएं पैरों में सोना नहीं पहनतीं। आपने देखा होगा कि पायल या बिछिया, जो महिलाएं पहनती हैं वो हमेशा चांदी की ही होती है। सोना मां लक्ष्मी का स्वरुप होता है और भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा पसंद आता है। इसी वजह से हिन्दु महिलाएं सोने के बने आभुषण अपने पैरों में नहीं पहनती हैं। इसके पीछे धार्मिक कारण ये है कि सोने को पैरों में पहनने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है।
वैज्ञानिक कारण
धार्मिक कारणों के अलावा, पैर में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए? इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोने के बने आभूषणों की तासीर गर्म और चांदी की तासीर शीतल होती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि शरीर का तापमान सामान्य रखने के लिए पैरों में सोने के बने आभुषण पहनने के मनाही होती है। इसके अलावा, आयुर्वेद की दृष्टी से ऐसा माना जाता है कि मनुष्य का सिर ठंडा और पैर गर्म रहना चाहिए। इसलिए इस वजह से भी सोने के बने आभुषण पैरों में नहीं पहने जाते हैं।
इसी वजह से हिन्दु महिलाएं सिर परसोना और पैरों में चांदी के आभूषण ही धारण करती हैं। इस वजह से सोने के बने आभुषण सिर को ठंडक और चांदी के बने आभुषण पैरों को गर्म रखते हैं। इसके अलावा, चिकित्सा की दृष्टी से चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया जैसे रोग ठीक होते हैं। चांदी से बनी पायल पैरों से रगड़ाती रहती है जिससे स्त्रियों में होने वाले हड्डी से जुड़े रोग कम होते हैं।