अध्यात्म

भूलकर भी प्लास्टिक की बोतल में नहीं रखना चाहिए गंगाजल, जानिए क्या है वह ख़ास वजह

प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल : हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ का बहुत ज्यादा महत्व होता है। पूजा-पाठ से ना केवल व्यक्ति के ऊपर भगवान की कृपा बनी रहती है, बल्कि इससे व्यक्ति का मन भी प्रसन्न करता है। जब कभी आपका मन उदास हो और किसी काम में मन नहीं लगे तो आप तुरंत मंदिर चले जाइये, फिर देखिये मन में जो शांति आएगी कि हर काम में आपका मन लग्नाने लगेगा। हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। हर व्यक्ति अपने-अपने ईष्टदेव की पूजा करता है।

कई लोग करते हैं गलत तरीके से पूजा:

पूजा-पाठ व्यक्ति के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। जबतक सुबह उठकर पूजा-पाठ ना की जाये ऐसा लगता है कुछ अधुरा रह गया है। हालाँकि कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें भगवान पर भरोसा नहीं है और वह पूजा-पाठ से बिलकुल दूर रहते हैं। लेकिन जो लोग पूजा-पाठ करते हैं, उनमें से भी कई लोगों को पूजा-पाठ करने की सही विधि पता ना होने के कारण गलत तरीके से पूजा करते हैं। हर रोज की जाने वाली पूजा के दौरान वह कई ऐसी गलतियाँ करते हैं, जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। इससे व्यक्ति को ईश्वर का आशीर्वाद मिलने की बजाय उनके क्रोध का भी सामना करना पड़ता है।

नहीं मिल पाता पूजा-पाठ का फल:

ऐसा माना जाता है कि अगर पूजा-पाठ के दौरान कुछ जरुरी बातों का ध्यान दिया जाए तो व्यक्ति की पूजा जल्दी ही सफल हो जाती है। यही इसके उलट गलत तरीके से या पूजा के दौरान नियमों को ध्यान में ना रखने की वजह से व्यक्ति की पूजा का फल उसे नहीं मिल पाता है। आज हम आपको पूजा से जुड़े कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।

पूजा से जुड़े इन नियमों का रखेध्यान:

*- भूलकर भी प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल ना रखें :

ज्यादातर पूजा-पाठ करने वाले लोग अपने घर में गंगाजल रखते हैं। गंगाजल के बारे में कहा जाता है कि इसे घर में रखने से घर का माहौल पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। ज्यादातर लोग घर में प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रख लेते हैं। यह बहुत ही गलत माना जाता है। गंगाजल को हमेशा चाँदी या सोने के पात्र में ही रखना चाहिए। पूजा-पाठ के दौरान प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल करना अशुभ माना गया है। साथ ही प्लास्टिक की बोतल में रखा हुआ पानी कुछ ही दिनों में खराब भी हो जाता है।

*- इस समय करें भगवान की आरती:

जो लोग पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पुरे दिन में पांच बार पूजा करनी चाहिए। सुबह 5-6 बजे के बीच में ब्रह्म मुहूर्त में पहली पूजा और आरती करनी चाहिए। इसके बाद 9-10 बजे के बीच में दिन की दूसरी पूजा करनी चाहिए। दोपहर के समय तीसरी पूजा और आरती करके भगवान को सोने देना चाहिए। शाम के समय 4-5 के बीच में चौथा पूजन करना चाहिए। अंत में रात को 8-9 बजे के बीच में पांचवी पूजा करके और आरती करके भगवान को सोने देना चाहिए।

*- पूजा करते समय इस दिशा में रखें मुंह:

पूजा तो सभी लोग करते हैं, लेकिन दिशाओं के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। जबकि पूजा के समय दिशाओं का भी बहुत महत्व होता है। इसलिए पूजा करते समय हमेशा अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ ही रखना चाहिए। इन दिशाओं में मुंह रखकर की जाने वाली पूजा जल्दी ही सफल हो जाती है।

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