आयी पत्थर बाज़ों शामत, सेना ने अपनाई नई रणनीति, पत्थरबाज़ों की अब खैर नहीं!
कश्मीर में अलगाववादियों के दिन ठीक नहीं चल रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के नाम पर जो सेना के ऊपर पत्थरबाजी की जाती थी, उसे रोकने के लिए सेना ने एक नया तरीका खोज निकाला है(Indian Army adopted New Strategy for Stone pelters)। सेना के इस कदम से पत्थरबाजों के होश उड़े हुए हैं, उन्हें समझ ने नहीं आ रहा है कि क्या किया जाये। सेना के हाथों से उनका बचना मुश्किल हो गया है। ज्ञात होगा कि कश्मीर में अलगाववादी नेता बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में प्रदर्शन तेजी से होने लगे। प्रदर्शनकारी सेना पर हमला करने से भी नहीं चुकते थे वह सेना पर जमकर पत्थरबाजी करते थे।
क्षेत्रीय पुलिस और सेना ने साथ मिलकर काम करना शुरू किया है (Indian Army adopted New Strategy for Stone pelters) –
लेकिन जब से क्षेत्रीय पुलिस और सेना ने साथ मिलकर काम करना शुरू किया है, तब से अलगाववादियों की नींद उड़ी हुई है। पहले कश्मीर के जो पहले हर घर से मुजाहिद निकलने की बात करते थे, आजकल वो घरों में छुपकर बैठे हुए हैं। दरअसल विरोध प्रदर्शनों के दौरान की विडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षा बलों के पास रखी हुई है और उन्ही में से प्रदर्शन करने वालों की फोटो निकालकर खोज अभियान चलाया जा रहा है। सेना और राज्य पुलिस दोनों साथ मिलकर इस अभियान को अंजाम दे रही हैं। रात में खोज अभियान के तहत हर घर में जाकर फोटो का मिलान किया जाता है और यदि कोई पकड़ में आ जाता है तो उसकी जमकर खातिरदारी की जाती है।
पत्थरबाजों ने इस बारे में सपने में भी नहीं सोचा था
खोज के दौरान लोगों से उनका मतदाता पहचान पत्र भी माँगा जा रहा है। पत्थरबाजों ने इस बारे में सपने में भी नहीं सोचा था कि सेना इस तरह से उनकी पहचान करेगी। सेना के इस कदम से वो पूरी तरह सहमे हुए हैं और जान बचाकर घाटी से भाग रहे हैं। जो अलगाववादी सेना की उपस्थिति में देश विरोधी नारे लगाते थे, उनकी शामत आयी हुई है। पत्थरबाजों के परिवार वालों ने उन्हें घर से बाहर रिश्तेदारों के यहाँ भेज दिया है, या काम का बहाना बनाकर उनको किसी दुसरे शहर में छुपने के लिए कहा है। पुलिस की पूछताछ के दौरान वह बताते हैं कि अलगाववादी जबरदस्ती उन्हें अपने साथ मिला लेते हैं, इसलिए उन्होंने बच्चों को बाहर भेज दिया है। कई लोगों को इस अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया है और कईयों की पहचान पत्थरबाजों के रूप में की गयी है जिन्हें पुलिस ढूंढ रही है।\
अलगाववादियों को साँप सूंघ गया है
अलगाववादी आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना और सुरक्षा बलों के जवानों पर पत्थर बरसाते थे, ताकि आतंकी सुरक्षित निकल सकें। लेकिन जबसे POK में सर्जिकल स्ट्राइक हुई है तब से अलगाववादियों को साँप सूंघ गया है। अब यह खुद को इस तरह से सेना के सामने पेश कर रहे हैं जैसे इन्होने जीवन में पत्थर देखा ही नहीं है। अलगाववादी पूरी तरह से डरे हुए हैं कि केंद्र सरकार ने सेना को खुली छूट दे रखी है((Indian Army adopted New Strategy for Stone pelters)) कि वह आतंकियों का सफाया करे और इस काम में जो भी रुकावट बने उसको भी नहीं बख्शा जाये। यही सब देखकर आतंकियों के समर्थकों की हालत खराब हो चुकी है।
सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को दुनियाँ के सभी देशों ने सही ठहराया है और यही वजह है कि अलगाववादी डरे हुए हैं। उनको डर है कि अगर वह आतंकियों के समर्थन में पत्थरबाजी करते हैं तो सेना उनको छोड़ेगी नहीं और ढूंढकर जेल में दाल देगी।