ऐसो बर्तनों में भोजन करना है लाभकारी, सेहत के साथ भाग्य का भी होगा कायालपट
आमतौर पर बर्तन की खरीददारी करते वक्त ज्यादातर लोग बाहरी रूप और डिजाइन देखते हैं जबकि बर्तन के आकार और रंग रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण है उसकी धातु, जिससे वो बना होता है। दरअसल हम सभी ये तो जानते हैं कि भोजन का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है पर शायद इस तथ्य को मजरअंदाज करते हैं कि हम जिस बर्तन में भोजन कर रहे हैं उसका स्वास्थ्य पर कैसा असर हो सकता है। इसके साथ ही आपको ये भी मालूम होना चाहिए कि बर्तन के धातु का प्रभाव ना सिर्फ स्वास्थ्य पर पड़ता है बल्कि हमारे द्वारा इस्तेमाल किए गए बर्तनो का प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि किस तरह के बर्तन में खाना खाने से आपकी सेहत और भाग्य पर कैसा असर हो सकता है।
एल्युमिनियम और प्लास्टिक के बर्तन
आज के समय ज्यादातर रसोई में एल्युमिनियम और प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल होते हैं। जबकि ऐसे बर्तनों में भोजन करना हमारी संसकृति में कभी नहीं था। क्योंकि एल्युमिनियम और प्लास्टिक के बर्तनों में बना भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। साथ ही सेहत के अलावा इन बर्तनों में भोजन करना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से भी अच्छा नहीं माना जाता है।
लोहे के बर्तन
वहीं लोहे के बर्तनों में भोजन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है। ऐसे बर्तन में खाना खाने से हमारे शरीर में लौह तत्वों की आपूर्ति होती है जिससे कि हिमोग्लोबिन का स्तर सही रहता है .. इसके साथ ही इससे पाचन संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं। हालांकि इन बर्तनों का प्रयोग खाने तक ही उचित माना जाता है पर किसी तरह के शुभ कार्यों में इनका इस्तेमाल नहीं किया जाता। हां पर लोहे के बर्तनों का दान करना लाभदायी होता है।
मिट्टी के बर्तन
वहीं मिट्टी के बर्तनों की बात करें तो इसमें पका भोजन बहुत स्वादिष्ट के साथ पोष्टिक भी होता है। आयुर्वेद में ऐसे बर्तनों में भोजन और पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायी बताया गया है। मटके का पानी पीने से जहां शारीरिक रोग दूर होते हैं वहीं मिट्टी के बर्तन में पका भोजन खाने से जीवन भर स्वस्थ उत्तम रहता है। इसके साथ ही मिट्टी के बर्तन पूजा और धार्मिक कर्म काण्डों के लिए भी शुभ माने जाते हैं।
कांसे व पीतल के बर्तन
वहीं कांसे और पीतल के बर्तनों की बात करें तो आयुर्वेद के अनुसार, कांसे के बर्तन में भोजन करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है.. दरअसल कांसे के बर्तन में पके खाने में 97% तक पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। वहीं पीतल के बर्तनों में भोजन करने से कफ और वायुदोष दूर होता है। इसेक साथ ही तांबे और पीतल के बर्तन धार्मिक दृष्टि से भी बेहद शुभ मान जाते हैं। विशेषकर पीतल के बर्तनों को भगवान विष्णु को भोग अर्पित करने के लिए शुभ माना जाता है।मान्यता है कि ऐसा करने से धन और समृद्धि बनी रहती है।
चांदी के बर्तन
वहीं अगर आप महंगे बर्तन खरीदने का सामर्थ्य रखते हैं तो फिर चांदी के बर्तनों सबसे बेहतर हैं । दरअसल इनमें भोजन पकाना और खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। असल में चांदी की तासीर ठंडी होती है, इस वजह से चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर की शरीर की अनावश्यक गर्मी शांत होती है और आंखें भी हमेशा स्वस्थ रहती हैं।
सोने के बर्तन
वैसे चांदी से भी लाभदायी और महंगी धातु सोना है जिसके इस्तेमाल पुराने समय में राजा महाराजा करते थे। वैसे सोने के बर्तनों में भोजन करना पुरुषों के लिए बहुत ही लाभदायी माना जाता है, क्योंकि इससे शरीर बलशाली और तेजयुक्त होता है। इसके साथ ही सोने के बर्तन इस्तेमाल करने वालो पर महालक्ष्मी की कृपा भी हमेशा बनी रहती है।