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शिवरात्रि विशेष: मुक्तेश्वर महादेव का अनोखा मंदिर, जहाँ होता है भक्तों के अन्दर उर्जा का संचार

सूरत: भगवान शिव को तीनों लोकों का स्वामी कहा जाता है। देवों के देव महादेव की लीला अपरम्पार है। भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि यह अपने सभी भक्तों की पुकार सुनते हैं। यह अपने भक्तों में अच्छाई-बुराई नहीं देखते हैं। भगवान शिव हर भक्त की भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। इन्हें दया की मूर्ति भी कहा जाता है। यह बहुत ज्यादा भोले हैं, यही वजह है कि इन्हें भोलेनाथ के नाम से जाना जाता है। हालाँकि जब ये क्रोधित होते हैं तो इनके क्रोध से बचना नामुमकिन होता है।

हो जाती हैं व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी:

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भगवान शिव के बारे में यह भी कहा जाता है कि इन्हें कोई भी भक्त अपनी भक्ति से प्रसन्न कर सकता है। इन्हें खुश करने के लिए आपको किसी चढ़ावे की भी जरुरत नहीं पड़ती है। इन्हें केवल बेलपत्र और एक लोटे जल से प्रसन्न किया जा सकता है। भगवान् शिव की तो वैसे हर दिन पूजा की जाती है, लेकिन कुछ मौकों पर इनकी पूजा का महत्व ज्यादा होता है। शिवरात्री के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करके उपवास रखता है, उसके जीवन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

धर्म और विज्ञान का अद्भुत संगम है यह मंदिर:

भगवान शिव के पुरे देश में कई मंदिर हैं। इनमें से कई मंदिर इतने प्राचीन और अद्भुत हैं, कि उसके बारे में जानकर हैरानी होती है। आज हम भगवान शिव के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी विशेषता की वजह से पुरे विश्व में प्रसिद्द है। दरअसल हम बात कर रहे हैं गुजरात के पलसाणा के एना गाँव में स्थित ऋण मुक्तेश्वर महादेव के मंदिर के बारे में। यह मंदिर विज्ञान और धर्म का अद्भुत संगम है। यहाँ आपको दोनों चीजें देखने को मिलेगी। मंदिर में बने हुए 18 फीट के शिवलिंग के नीचे एक कलश में 4 करोड़ 55 लाख की कीमत का 7 टन पारा रखा हुआ है।

मंदिर का निर्माण करवाया गया था 300 साल पहले:

इसी कलश से एक पाइप शिवलिंग के उपरी भाग तक लायी गयी है। जब भी कोई व्यक्ति मंदिर में ॐ का उच्चरण करता है तो प्रतिध्वनि से पारे में कम्पन होती है, जिससे भक्तों में शक्ति का संचार होता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले किया गया था। एक साल पहले ही एक एनआरआई ने 7 करोड़ की लागत से इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। मंदिर के शिवलिंग का दर्शन कांच के दरवाजे से करवाया जाता है।

शिवलिंग का 5 फीट हिस्सा ही बाहर है बाकी जमीन में:

इस मंदिर के प्रमुख पुजारी नाथुभाई पटेल ने बताया कि मुख्य शिवलिंग के ऊपर 108 छोटे-छोटे शिवलिंग लगाए गए हैं। 15 से अधिक देशों में बसे हुए इस गाँव के एनआरआई हर साल मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया गया है, उसका वजह लगभग 60 टन बताया जाता है। 18 फीट लम्बे इस शिवलिंग को एक ही ग्रेनाईट पत्थर से बनाया गया है। शिवलिंग का 5 फीट हिस्सा ही ऊपर है। शिवलिंग के चार हिस्से हैं, जिनमें से केवल एक ही बाहर है बाकी तीन हिस्से अन्दर हैं।

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