बीजेपी का बड़ा बयान, ‘बजट में किये गये वादों को पूरा करने की कोई गारंटी नहीं’
राजस्थान: बजट चाहे देश का हो या राज्य का दोनों ही बजटों से जनता को काफी उम्मीदें होती है, लेकिन ऐसे में अगर आपका शासक यानि सरकार ये कहे कि वादों को पूरा करने की कोई गारंटी नहीं, तो आपके पैरों तले की जमीन तो खिसक ही जाएगी न? जी हां, ऐसा ही कुछ राजस्थान की जनता के साथ हुआ है। वसुंधरा सरकार को बजट पेश किये हुए ज्यादा दिन भी नहीं हुए कि सीएम वसुंधरा का विवादित बयान आ गया। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
बजट एक रूपरेखा की तरह होता है, जिसमें ये तय किया जाता है कि आने वाले साल में सरकार कैसे काम करने वाली है, कैसे जनता के हितों का ख्याल रखेगी, लेकिन इन सबके बीच बजट में लोकलुभावने वादे भी किये जाते हैं, जोकि सरकार जनता को अपने खेमें बनाए रखने के लिए करती है। जी हां, अगर आप आम बजट की बात करे तो उसमें भी जेटली ने कई लोकलुभावने वादे किये हैं, जिससे जनता आगामी चुनाव में बीजेपी को फिर से सत्ता में लाएं, ऐसा ही कुछ राजस्थान की बीजेपी सरकार ने भी करने की कोशिश की, लेकिन हुआ उल्टा।
वसुंधरा सरकार के बजट में लोकलुभावन वादों की तो झड़ी लगी, लेकिन इससे पहले कि जनता उन वादोंं को समझ पाए कि सीएम साहिबा ने खुद ही सारी पोल खोल दी। जी हां, वसुंधरा ने कहा कि वादे सिर्फ लोकलुभावन के लिए होते हैं, कोई भी सरकार वादों को पूरा करने की गारंटी नहीं ले सकती है, ऐसे में वादे सिर्फ सरकार के कामकाज करने के तरीको का एक अंश होता है। हालांकि, वसुंधरा के इस बयान के बाद तुरंत ही बखेड़ी खड़ा हो गया, जिसकी वजह से राजस्थान में सियासी भूचाल देखने को मिल सकता है।
वादे पूरे करने की कोई गारंटी नहीं
दरअसल, बजट के बाद जब सीएम साहिबा से पूछा गया कि वो आचार संहिता से पहले वादों को कैसे पूरा करेंगी, तो उन्होंने दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि वादे सिर्फ लोकलुभावने होते हैं, इसके पूरा करने की कोई गांरटी नहीं है। वसुंधरा के इस बयान के बाद ही कांग्रेस पार्टी ने घेरना शुरू कर दिया।
वसुंधरा का समय गया: कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने वसुंधरा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम का बयान ही साफ करता है कि वो प्रदेश की जनता से किये गये वादों को लेकर कितनी चिंतित है, ऐसे में अब प्रदेश की जनता बीजेपी को नाकारेगी आगामी चुनावों में।
राजस्थान के बजट में ये था सबसे बड़ा वादा
आपको बता दें कि वसुंधरा राजे ने इस बजट में किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफा करने की घोषणा करने के साथ ही चुनाव होने से पहले एक लाख नौकरी का वादा किया था।