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यूपी उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचले तेज, सत्ता-विपक्ष में मची होड़

उत्तर प्रदेश:  सूबे में चुनाव हो, और सियासी गलियारों में हलचले न हो, ये बात थोड़ी जमती नहीं है न? जी हां, यूपी मेंं दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने इन सीटों को जीतने के लिए दांव पेंच आजमाने शुरू कर दिये हैं। हालांकि, ये मौका समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए सुनहरा माना जा रहा है, लेकिन यहां किसी भी पार्टी के लिए जीतना कोई आसान बात नहीं है। बीजेपी, समाजवादी, और कांग्रेस के अलावा बीएसपी भी इन उचुनावों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हो चुके हैं। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

यूपी की दो लोकसभा सीटो पर 11 मार्च को मतदान होगा, जिसमें फूलपुर और गोरखपुर शामिल है, ऐसे में सभी पार्टियों की नजर इन दोनों सीटों पर टिकी हुई है। बताते चलें कि इन सीटों पर जीत हासिल करना बीजेपी की नाक का सवाल बन गया है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के सामने चुनौती है कि बीजेपी को ये सीट जीतने न दिया जाए ताकि आगामी चुनावों में विपक्ष इस उपचुनाव को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेर सके।

यूपी की गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर मतदान की गणना 14 मार्च को किया जाएगा, ऐसे में पार्टियों के पास वक्त कम है। इन सीटों पर पार्टियों ने जीत का दावा किया। बता दें कि बीजेपी ने कहा कि ये कार्यकर्ताओं की पार्टी है, ऐसे में इन सीटो पर हमारी पार्टी फिर से जीत हासिल करेगी, तो वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि जनता बीजेपी को वादा न पूरा करने का सबक सिखाएगी। इन सबके बीच ये समझ जरूरी है कि आखिर इन सीटो पर सियासी मिजाज कैसा है?

अगर बात किया जाए गोरखपुर की सीट पर तो यहां सालों से नहीं दशकों से बीजेपी का राज है, ऐसे में बीजेपी की जीत इस सीट पर पक्की मानी जा रही है, लेकिन अगर फूलपुर की सीट की बात की जाए तो बीजेपी का इतिहास यहां कुछ अच्छा नहीं रहा है। बता दें कि इस सीट पर पहली बार मोदी लहर में केशव कमल खिलाने में सफल हुए थे, ऐसे में बीजेपी के लिए अपनी ये सीट बचाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है।

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