इन चीजों का बिजनेस करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी नहीं कमा सकता पुण्य, जानिए क्या है वो चीजें?
हमारे धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में बहुत सी बातों वर्णन मिलता है और इन बड़े बड़े ग्रंथों में बहुत सारी काम की बातें निहित है। आपको बता दें इन धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं जिनको बेचना बहुत अशुभ माना गया हैं और उन चीजों का बिजनेस करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी पुण्य नहीं कमा सकता। आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे है जिनको बेचने से आपको बचना चाहिए तो जानिए वह चीजें कौन कौन सी है…
पानी : हमारे शास्त्रों में प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य का काम माना जाता है और प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाने से बड़ा कोई और पुण्य का काम नहीं होता। कहते हैं कि प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाने से जितना पुण्य मिलता है, उतना भोजन खिलाने से भी नहीं मिलता। पानी ही मनुष्य के जीवन का अमृत है, गर्मी में पानी मिल जाए इससे बड़ा शुगुन और क्या हो सकता है। एक समय था जब गर्मी के मौसम में लोग छोटे गांवों से लेकर शहरों तक जगह-जगह मिट्टी के मटकों में पानी भरकर प्याऊ लगवाते थे और आने जाने वाले राहगीरों को मुफ्त में पानी पिलाकर पुण्य कमाते थे लेकिन आज के समय में मुफ्त में पानी पिलाकर पुण्य नहीं कमाया जा रहा बल्कि पानी को बेचकर लोग पैसे कमा रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि पानी को बेचने वाला व्यक्ति कभी भी खुशहाल जीवन यापन नहीं कर सकता।
शुद्ध देसी घी : शुद्ध देसी घी का निर्माण गाय के दूध से होता है। गाय के शुद्ध देसी घी में ऐसे औषधिय गुण होते हैं जो और किसी अन्य चीज में नहीं मिलते। गाय का घी सबसे पवित्र माना जाता है। आयुर्वेद में चरक संहिता के अंतर्गत भी यह वर्णित है कि गाय का शुद्ध अर्थात देसी घी आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। यह मनुष्य का बहुत सारे रोगों जैसे वात, पित्त, बुखार आदि से बचाव करता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लडने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से भी बचा जा सकता है। लेकिन गाय का शुद्ध देशी धी घर पर ही बनाना चाहिए इसे न तो बाजार से खरीदना चाहिए और न ही बेचना चाहिए क्योंकि इसे बेचने वाला व्यक्ति कभी पुण्य नहीं कमा सकता।
तिल : आयुर्वेद में तिल को एक असरकारक औषधि के रूप में जाना जाता है और इसका सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसके अलावा धार्मक अनुष्ठानों में भी तिल का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह शनि का द्रव्य है। तिल का दान करना काफी शुभ माना जाता है। तिल का दान करने से कई कार्यों में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं और तिल दान करने से पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है। लेकिन इसे बेचने वाला व्यक्ति लगातार पतन की ओर अग्रसर होता है।
सरसों, गुड़, और नमक : विष्णु पुराण में कहा गया है कि सरसों, गुड़, और नमक को धन के लोभ में आकर बेचना नहीं चाहिए। क्योंकि इनको बेचने से व्यक्ति का काफी नुकसान होता है और कर्ज बढ़ने की संभावना रहती है। इनको बेचने वाला व्यक्ति बिजनेस में कभी पुण्य नहीं कमा सकता।