अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर इजरायल करेगा भारत की सीमाओं को सुरक्षित
नई दिल्ली : इजरायल (Israel) ने भारत को सीमा पर लगी बाड़ को मजबूत बनाने में अपनी विशेषज्ञता से मदद करने की शुक्रवार को पेशकश किया है। इजरायल ने जोर दिया कि दोनों देश सीमा पार से आतंकवाद सहित विभिन्न मोर्चे पर समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। Israel used its expertise to secure the Indian borders.
सीमा पार से आतंकी गतिविधियों पर लगेगा नकेल –
भारत में इजरायली राजदूत डेनियल कार्मोन की यह टिप्पणी उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर काफी महत्व रखती है। उस हमले में शामिल आतंकवादी संभवत: पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पार कर आए थे।
उन्होंने कहा कि उनका देश घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और जोर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का स्थायी पहलू होगा। कार्मोन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पिछली इजरायल यात्रा के दौरान उन्हें सीमाओं पर देश की तैयारियों को दिखाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘हमारा संदेश है, हां, इजरायल के पास विशेषज्ञता है, क्योंकि यह खतरे के साए में रहा है। हम भी समान चुनौतियों का सामना करते हैं। हमारे पास समाधान है। हम समाधान के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’ उन्होंने तेल अवीव में होने वाले आगामी एचएलएस और साइबर सम्मेलन के बारे में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमने अन्य क्षेत्रों में दिखाया है कि हम सहयोग कर सकते हैं और यह यहां भी हो सकता है तथा होना चाहिए।’
भारत का कितना बड़ा मददगार है इसराइल (Israel) –
मई, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ज़ोरदार जीत के बाद, भारत और इसराइल के संबंध नए स्तर तक पहुंच गए हैं। दोनों देशों में दक्षिणपंथी पार्टियों, यहां भारतीय जनता पार्टी और इसराइल में लिकुड की सरकारें हैं। दोनों में विचारधारा के स्तर पर कई समानताएं हैं। इसने दोनों देशों के आपसी संबंधों को विस्तार दिया है।
भारत में चुनाव परिणाम आने से पहले ही अनुमान लगाया जा रहा था कि दोनों देशों के बीच रक्षा सौदे, ख़ासकर सैन्य कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, जिस तरह के सैन्य समझौते हुए हैं, वह इसकी पुष्टि भी करते हैं। 1990 के मध्य से ही भारत और इसराइल के बीच सैन्य संबंध सबसे अहम रहे हैं। बीते एक दशक के दौरान दोनों देशों के बीच क़रीब 670 अरब रुपए का कारोबार हुआ है। मौजूदा समय में, भारत सालाना क़रीब 67 अरब से 100 अरब रुपए के सैन्य उत्पाद इसराइल से आयात कर रहा है।
मौजूदा समय में इसराइल मिसाइल, एंटी मिसाइल सिस्टम, यूएवी, टोह लेने वाली तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर सिस्टम, हवाई जहाज़ में इस्तेमाल होने वाली तकनीक और गोला-बारूद इसराइल बड़ी मात्रा में भारत को मुहैया कराता है। दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में से ज़्यादातर इन्हीं सैन्य उत्पादों से संबंधित होते हैं।
भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की सुस्त रफ़्तार को देखते हुए इसराइल भारत का सबसे महत्वपूर्ण मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में भारत और इसराइल के सैन्य कारोबार में तकनीक हस्तांतरण सबसे अहम पहलू है, इसका ज़िक्र भारतीय प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं।