ये है दुनिया की पहली ऐसी लड़की, जिसे अपनी शादी का न्योता देने के लिए खुद घोड़े पर जाना पड़ा
हमारे भारत देश में “शादी” सबसे अहम और बड़ी रसम है. ये ना केवल दो लोगों को मिलवाती है बल्कि, उनके परिवार वालों में भी अपनापन बढाती है. हमारे देश में हर जगह शादी को लेकर अपने अलग अलग रीति रिवाज़ हैं. ऐसे में लड़का और लड़की को रिश्ता पक्का होने से लेकर उनकी शादी तक बहुत सारी तैयारिया करनी पडती हैं. इन तैयारियों में मुख्य किरदार लड़का निभाता है. जबकि, लड़की का काम सिर्फ शौपिंग करने तक सीमित रहता है. लड़की को ये भी पता नहीं रहता कि उसकी शादी पर कौन कौन आने वाला है. जबकि लड़के पक्ष में रिश्तेदारों को कार्ड भेजने की लिस्ट भी लड़का ही तैयार करता है. मगर आज हम आपको एक ऐसी लड़की से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने अपनी शादी में एक नई मिसाल कायम की.
दरअसल, हाल ही में भारत की एक लड़की ने सारे रीति रिवाजों और रस्मों को तोड़कर एक नई नीति की शुरुआत की है. यह लड़की अपनी शादी का न्योता देने के लिए खुद लोगों के घर पहुंची. शायद यह भारत की पहली ऐसी लड़की है जो अपनी शादी का न्योता देने के लिए खुद घर घर पहुंची.
अक्सर आपने देखा होगा कि लड़का और लड़की की शादी में उनके परिवार के बड़े बुजुर्ग शादी का कार्ड देने के लिए रिश्तेदारों के घर जाते हैं. परंतु ऐसे में ये लड़की अपनी शादी का कार्ड देने खुद पहुंची और वह भी घोड़े पर,. पढ़ने में आपको शायद यह अटपटा और अजीब लग रहा होगा. लेकिन यह बिल्कुल सच्ची घटना है. हैरानी वाली बात यह है कि ये घटना भारत के उस राज्य में निभाई गई, जहां औरतों के लिए पर्दा प्रथा आज भी लागू है.
परंतु इन सभी रीति रस्मों से हटके अलग रसम की शुरुआत करने वाली यह लड़की ब्रिटेन से MBA कर चुकी है. आपको हम बता दें कि गार्गी नाम की ये लड़की रथ पर सवार होकर सिर पर साफा बांधकर जिले के अलग-अलग इलाकों में कार्ड बांटने जा रही है.
इन दिनों राजस्थान में गार्गी का नाम काफी हल्ला बोल रहा है. विदेश से आई गार्गी का मकसद देश में चल रहे लड़का लड़की के बीच में अंतर को मिटाना है. परिजनों के अनुसार राजस्थान में बिंदोरी परंपरा के तहत शादी से पहले दूल्हा साफा बांधकर घोड़े के रथ पर दुल्हन के घर जाता है जबकि इस बार गार्गी ने इस रसम को उल्टा कर दिखाया है.
दरअसल, गार्गी ने यह साबित कर दिखाया है कि लड़कियां, लड़कों से किसी मामले में कम नहीं है. सिर्फ लड़के ही घोड़ी चढ़कर लड़कियों के घर नहीं आ सकते बल्कि लड़कियां भी जा सकती हैं. हालांकि गार्गी ब्रिटेन से पढ़ कर आई है परंतु उसको भारत की सारी परंपराएं अच्छे से मालूम है. “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” अभियान की तरफ गार्गी का यह पहला रुख है. गार्गी का यह कदम पूरे राजस्थान को आश्चर्य में डाल रहा है.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गार्गी के इस कदम में उसके घरवाले और गांव के बाकी लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे. इतना ही नहीं बल्कि गांव वालों ने इस रथ का स्वागत पूरे बैंड बाजे के साथ किया. जब गार्गी अपने ससुराल न्योता देने पहुंची तो बहू का यह रूप देखकर ससुराल वालों के पांव तले से जमीन खिसक गई. जबकि, होने वाले दूल्हे को अपनी पत्नी का यह कदम देखकर बेहद खुशी महसूस हुई. गार्गी जैसी सोच अगर हर भारतीय लड़की की हो जाए तो इस समाज से कुरीतियां हमेशा के लिए विदा हो सकती हैं.