सिगरेट से कहीं ज्यादा हानिकारक है अगरबत्ती का धुंआ, ज्यादा जलाने से हो सकता है कैंसर
आज के समय में मनुष्य तरह-तरह की बिमारियों से ग्रस्त है। कुछ बीमारियाँ इतनी ज्यादा खतरनाक होती हैं, कि इनके हो जाने पर बचने की सम्भावना बहुत कम होती है। इन्ही में से एक बीमारी है कैंसर। आपको बता दें कैंसर एक बहुत ही घातक बिमारी है। कैंसर कई तरह का होता है और लगभग सभी कैंसर जानलेवा ही होता है। कैंसर की बीमारी से व्यक्ति अन्दर से एकदम खोखला हो जाता है। कुछ कैंसर में व्यक्ति की दर्दनाक मौत होती है।
कैंसर होने की कई वजहें हैं। कई बार कैंसर के लिए व्यक्ति खुद जिम्मेदार होता है और कई बार यह जेनेटिक कारणों से भी हो जाता है। लंग कैंसर के बारे में कहा जाता है कि इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार सिगरेट होती है। सिगरेट के धुएं में ऐसे तत्व होते हैं, जो कैंसर को जन्म देते हैं। लेकिन एक शोध में हिला देने वाला खुलासा हुआ है। यक़ीनन इस शोध के बारे में जानकर हर किसी को हैरानी होने वाली है।
आप तो जानते ही हैं कि अगरबत्ती जलाने से भगवान प्रसन्न होते हैं, ऐसी सदियों से मान्यता चल रही है। अगरबत्ती को आध्यात्मिकता का प्रतिक माना जाता है। यही वजह है कि लोग मंदिरों में या अपने घर में वातावरण को शुद्ध और खुशबूदार बनाने के लिए अगरबत्ती जलाते हैं। इससे व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है। अगरबत्ती से निकलने वाला धुँआ बहुत ही मनमोहक और अच्छा लगता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अगरबत्ती का धुँआ सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा हानिकारक होता है।
जी हाँ सुनकर भले ही आपको यकीन ना हो लेकिन यही सच है। एक चीनी शोध के अनुसार जब अगरबत्ती को जलाया जाता है तो उसके धुएं के साथ बारीक़ कण निकलते हैं, जो आस-पास की हवा में घुल-मिल जाते हैं। ये जहरीले कण सांस के द्वारा शरीर के अन्दर पहुंचकर बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। शोध में यह बात साबित हुई है कि किसी भी सुगन्धित अगरबत्ती में तीन तरह के ज़हरीले तत्व पाए जाते हैं, जिनसे कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। ये ज़हरीले तत्व बुटोजेनिक, जीनोटोक्सिन, साइटोटोक्सिन हैं।
इसी वजह से अगरबत्ती से निकलने वाले ज़हरीले धुएं से शरीर में स्थित जीन का रूप बदल जाता है, जो कैंसर और फेफड़ों से जुड़ी बिमारियों का प्रथम चरण होता है। अगरबत्ती के धुएं को जब हम सांस के द्वारा अन्दर लेते हैं तो यह हमारे फेफड़ों में पहुंचकर फेफड़ों में जलन, उत्तेजना और रिएक्शन उत्पन्न करता है। इसलिए अगली बार घर में अगरबत्ती जलाने से पहले आप सौ बार सोच लें कि आप घर में मौत का सामान जला रहे हैं। अगरबत्ती सुगन्धित सिगरेट की तरह ही है।
यह आपके पुरे परिवार को खतरे में डालने का काम करती है। इसलिए अब से भगवान की पूजा में केवल दीपक का ही इस्तेमाल करें। यह अगरबत्ती की तरह नुकसानदायक भी नहीं है और इससे भगवान भी प्रसन्न होते हैं। अगरबत्ती जलाकर खुद की और परिवार की जान के दुश्मन मन बनिए।