‘मैंने और माँ ने एक ही मर्द से की है शादी’ – बांग्लादेश की इस लड़की ने खोले हिला देने वाले राज़
नई दिल्ली – दुनियाभर में शादी से जुड़ी अनेकों परंपराएं प्रचलित हैं, जिनके बारे में आप शायद न जानते हो। लेकिन, आज हम आप एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यह एक ऐसी परंपरा है जहां बेटियां की शादी के बाद बिद नहीं होती। बल्कि अपने ही घर में रह जाती हैं। क्योंकि यहां बेटियों की शादी अपने ही बाप से ही होती है। जी हां आप चौंक गए न? लेकिन, यह पूरी तरह से सच है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
ये कहानी है बंग्लादेश में रहने वाली ओरोला डलबॉट की। ग्रामीण बांग्लादेश में रहने वाली 30 वर्षीय ओरोला डलबॉट का बचपन अपनी मां और उनके दूसरे पति नोटेन के साथ गुजरा। उनके पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई और उनकी मां ने पुनर्विवाह किया था। ओरोला कहती हैं ‘नोटेन को देखकर मैं सोचा करती थी की मेरी माँ भाग्यशाली हैं। मेरी इच्छा थी कि मुझे उसके जैसे ही पति मिले। जब ओरोला थोड़ी बड़ी हुई तो उन्हें इस सच्चाई का पता चला कि वो पहले से ही नोटेन की पत्नी थीं। उनसी शादी 3 साल की उम्र में ही अपने सौतेले पिता नोटेन के साथ हो चुकी थी। यह एक परंपरा थी जो मातृभूमि मंडी जनजाति में आज भी जारी है।’
ओरला कहती है, ‘जब मुझे ये पता चला की मैं अपने ही सौलेते पिता की पत्नी हूँ तो मैं घर से भागना चाहती थी। ओरोला की मां मितोमोनी जिनकी उम्र 51 है उन्होंने ओरला को समझाया कि, उन्हें अपने सौतेले को पति के रुप में स्वीकार करना होगा।’ अमूमन बच्चियों को बचपन से ये बात सुनाकर पाला जाता है कि उन्हें बड़े होकर अपने ही पिता से शादी करनी है। थोड़ी बड़ी होने के बाद वो अपने पिता को ही अपना होने वाला पति स्वीकार कर लेती हैं। आपको बता दें कि भारत जैसे देश में यह अपराध की श्रेणी में आता है।
वहीं हमारे पड़ोसी देश ‘बांग्लादेश’ में अपने ही पिता के साथ विवाह एक परम्परा के नाम पर प्रचलित है। यहां बेटियों की शादी तो होती है, लेकिन बिदाई नहीं होती और वो अपने ही घर में अपने पिता की पत्नी के रुप में रहती हैं। यह प्रथा बांग्लादेश के मंडी जनजाति में प्रचलित है। आपको बता दें कि इस जाति में अपने पिता से शादी करने की परंपरा हमेशा से चली आ रही हैं। ओरोला के मुताबिक, जब वह बहुत छोटी थी तभी उसके पिता की मृत्यु हो गयी थी और उसकी मां की दूसरी शादी कर ली थी।
इसके बाद उनकी शादी अपने दूसरे पिता के साथ हो गई। इस जनजाति में एक और परंपरा है कि अगर किसी महिला के पति की कम उम्र में मृत्यु हो जाती है, तो उस महिला को अपने पति के परिवार के ही किसी आदमी से शादी करनी होती है। आपको बता दें कि भारत और बांग्लादेश में मंडी जनजाति के करीब बीस लाख लोग रहते हैं और इस समुदाय के लोगों को गारो के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी परंपरा है जो भारत जैसे देशों में तो एक अपराध है लेकिन, बंग्लादेश जैसे देश में आज भी जारी है।