जेटली के पिटारे से नहीं निकले ये फैसले तो मोदी सरकार की बिगड़ सकती है सेहत
नई दिल्ली: चुनाव और बजट का बहुत ही गहरा रिश्ता होता है, ये बात अलग है लोग इस पर खुलकर बात नहीं करते हैं। लेकिन हम बता दें कि अगर बजट से जनता खुश नहीं होती है, तो सत्ताधारी पार्टी की सेहत बिगड़ सकती है। जी हां, खासकर कार्यकाल का आखिरी बजट का तो पूरा पूरा चुनाव से ही रिश्ता होता है। तो चलिए जानते हैं कि मोदी सरकार के इस पूर्णकालिक बजट में अगर ये फैसलें नहीं लिये गये तो जनता मोदी सरकार की सेहत बिगाड़ने में जरा भी नहीं सोचेगी।
टैक्स में छूट
देश की जनता की यही उम्मीद होती है कि टैक्स में छूट मिले, ज्यादा टैक्स देना किसी को नहीं पसंद है। इतना ही नहीं लोग टैक्स बचाने के लिए क्या क्या नहीं करते, ऐसे में यहां ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर टैक्स पर किस सीमा तक मोदी सरकार छूट देती है, और अगर ऐसा नहीं हुआ तो जनता सरकार बदल सकती है, इसमें दोराय नहीं है।
स्वास्थ्य स्कीम
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जन धन योजना से करीब 30 करोड़ और सुरक्षा बीमा योजना से करीब 18 करोड़ लोग जुड़े, ऐसे में सरकार को स्वास्थ्य संबंधी स्कीम की तरफ ज्यादा ध्यान देना होगा क्योंकि अगर लोगों की स्वास्थ्य ठीक रहेगी तो वो सरकार की भी सेहत का पूरा ध्यान रखेंगे।
युवाओं को रोजगार
देश की युवाओ की पहली मांग यही होती है कि उनके पास रोजगार हो, लेकिन रोजगार न होने पर वो सरकार को ही दोष देते है, जो सरकार की सेहत के लिए अच्छी नहीं हो सकती है। बता दें कि देश की बड़ी आबादी 35 साल से नीचे के लोगों की है। सरकार ने रोजगार के लिए कई योजनाओं की शुरूआत तो की है, जिनमें स्किल डिवेलेपमेंट, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया आदि शामिल है, लेकिन अगर वास्तव में देखा जाए तो सरकार इसमें ज्यादा सफल नहीं हो पाई है।
देश की अर्थव्यवस्था पर देना होगा ध्यान
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर अक्सर विवादों में घिरी हुई नजर आई। जी हां, अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार की विपक्ष ही नहीं बल्कि उसके पार्टी के नेता भी आलोचना करते हुए नजर आएं, ऐसे में सरकार को इस बजट में कुछ ऐसा करना होगा, जिससे अर्थव्यवस्था में काफी हद तक सुधार हो सकें।