डिलीवरी मैन के बेटे को आईपीएल में मिला मौका,शाहरूख की टीम ने खरीदा इतनी बड़ी रकम में
प्रतिभा कभी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती है.. हां, अगर कुछ चाहिए होता है तो वो है एक मौका.. और हुनर को जब ये मौका मिलता है तो सारी दुनिया उस हुनर, उस प्रतिभा से परिचित होती है। ऐसी ही एक प्रतिभा से आज हम आपका परिचय कराने जा रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं एक उभरते हुए क्रिकेट के सितारे की, जिसकी कीमत आईपीएल की बोली में 20 लाख रुपये रखी गई थी पर उससे भी चार गुनी कीमत पर वह शाहरुख खान की टीम का हिस्सा बना। खास बात ये है कि क्रिकेट का ये सितारा अभाव और मुफलिसी के दौर से निकल कर चमका है.. इसलिए आज इसकी शोहरत, खबरों की सुर्खियां बन चुकी हैं।
वैसे तो आईपीएल में इस बार कई नए चेहरों को शामिल किया गया पर इनमे से जो नाम खबरों में सबसे अधिक है वो है रिंकू सिंह। यूपी के अलीगढ़ के इस लड़के को शाहरूख की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम ने 80 लाख रुपये में खरीदा है। ऐसे में एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुख रखने वाले रिंकू ने ये कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी उन्हें मैच खेलने के बदले इतने पैसे मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक रिंकू के पूरे परिवार की आमदनी मात्र 12 हजार रुपये महीना है.. उनके पिता घर-घर जाकर एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी करते हैं, जबकि उनका भाई ऑटो चलाता है। परिवार में आठ सदस्य हैं और पूरा परिवार एक एलपीजी वितरण कंपनी के गोदाम परिसर में बने टिन सेड के एक छोटे से कमरे में रहता है।
ऐसे में आईपीएल में रिंकू का चयन होने से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। ये खबर सुनते ही साइकल से घर-घर सिलिंडर की डिलीवरी करने वाले रिंकू के पिता खानचंद्र सिंह के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। रिंकू के परिवार का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है रिंकू नैशनल टीम का भी जल्दी ही हिस्सा बनेगा।
गौरतलब है कि बाए हाथ के बल्लेबाज रिंकू को पिछले साल आईपीएल सीजन 10 में किंग्स इलेविन पंजाब की टीम ने 10 लाख में खरीदा था.. इस बार रिंकू ने अपनी बेस प्राइज बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी थी। रिंकू के क्रिकेट करियर की बात करें तो 2009 में रिंकू ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था..
जिसके तीन साल के बाद उसका चयन अंडर-16 टीम में हुआ। साथ ही बाद में वो अंडर-19 में भी चुना गया। इसके बाद 2016 में रिंकू का चयन उत्तर प्रदेश रणजी ट्रॉफी टीम में भी हुआ था। फिलहाल वो दिल्ली की टीम से रणजी खेलता है।
अपनी इस सफलता के बारे में रिंकू का कहना है कि, ‘मेरा परिवार बहुत बड़ा है.. ऐसे में मेरे पास क्रिकेट में ज्यादा फोकस करने के अलावा और कोई ऑप्श न नहीं बचा था.. जिंदगी में मैने बहुत स्ट्रगल किया है.. अब शायद भगवान वापस दे रहा है.’
वहीं रिंकू के क्रिकेट कोच मसूद- उज- जफर अमिनी, जिन्होने उन्हें 8 साल तक क्रिकेट की ट्रेनिंग दी है, का कहना है कि रिंकू प्राकृतिक स्ट्रोक खिलाड़ी है.. वो शुरू से बहुत ही टैलेंटेड था और हम सब ये जानते थे, इस चयन के बाद पूरा देश उसके टैलेंड को देखेगा।