ऐसी रिश्वत खाई कि ग्रामप्रधान से लेकर 13 लोगों को हो गया एड्स, पूरा गांव सकते में
हमारे देश में भ्रष्टाचार की जड़ें समाज को किस तरह खोखला कर रही हैं इसका बेहद शर्मनाक उदाहरण यूपी के एक गांव में देखने को मिला है जहां रिश्वत की लालच में 13 लोग एड्स की चपेट में आ गए। आपको ये बात अजीब लगती है कि कैसे कोई रिश्वत लेने से एड्स का शिकार हो सकता है पर आपको बता दें कि ये मामला कुछ और है.. जहां रिश्वत पैसे की नहीं बल्कि एक अबला की इज्जत की ली गयी। जिसके बाद हवस की इस रिश्वत के चक्कर में दर्जन भर से ज्यादा लोग एड्स जैसी घातक बीमारी का शिकार बन गए।
ये मामला यूपी के गोरखपुर जिले का है, जहां स्थित भटहट गांव में विधवा महिला को थोड़े से अनाज के लिए अपनी इज्ज्त का सौदा करना पड़ा.. विधवा पेंशन और राशन कार्ड बनाने के लिए इस महिला को रिश्वत के तौर पर 13 लोगों के साथ सोना पड़ा। जिसका अंजाम ये हुआ कि वे सभी 13 लोग एड्स के शिकार हो गए हैं जिन्होने इससे हवस की रिश्वत खाई थी।सूत्रों के अनुसार राशन कार्ड के नाम पर विधवा महिला के साथ शोषण का खेल 3 साल तक चला और इसका खुलासा तब जाकर हुआ जब इस महिला की तबीयत खराब हुई और रिपोर्ट में इस घातक बीमारी का पता चला।महिला के रोग का पता चलते ही उन लोगों ने भी अपना चेकअप कराया जिन्होने इससे सम्बंध बनाएं थें और तब पता चला कि ग्रामप्रधान के साथ गांव के 13 लोग महिला के जरिए एड्स से संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इस खबर के फैलते ही पूरा गांव सकते में आ गया और ये गांव पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ये महिला 24 साल की उम्र में ब्याह कर भटहट गांव आई थी.. तभी उसका पति मुंबई के किसी कारखाने में काम करता था पर कुछ समय बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी और शादी के 3 साल बाद ही उसकी मौत हो गई। पति की मौत के बाद घर में उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था.. ऐसे में उसने सोचा कि क्यों ना राशन कार्ड बनवा जो अनाज मिलेगा उससे आसानी से पेट पल जाएगा और विधवा पेंशन आने लगेंगे तो रही सही बाकी जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी। बस इसी के लिए वो सबसे पहले रोजगार सेवक के पास गई.. वो रोजगार सेवक उसे गांव के प्रधान के पास ले गया। फिर ग्रामप्रधान ने उसे सेक्रेटरी से मिलवाया। साथ ही इन तीन लोगों के अलावा 10 बिचौलिए भी मिले और सबने उस महिला से राशन कार्ड और बाकि काम करा देने के नाम पर उससे रिश्वत मांगा। रिश्वत में उस महिला को सबके साथ सोने के लिए कहा गया।
आपनी हालात से लाचार महिला इसके लिए तैयार हो गई और फिर शुरू हुआ उसके शारीरिक शोषण का खेल जो कि लगातार तीन सालों तक चलता रहा। लेकिन कहते हैं ना पाप का घड़ा भरने के बाद फूट जाता है यहां भी वही हुआ महिला का शोषण करने वाले दंरिदों के सजा मिलने का भी समय आया, जब एक दिन उस महिला की तबियत कुछ ख़राब हुई.. जिसके बाद महिला के उसी तथाकथित शुभचिंतक प्रधान ने उसे एक डॉक्टर को दिखाया.. जहां जांच में पता चला कि महिला को एचआईवी संक्रमण हो गया है। ये सुनते ही महिला से सम्बंध रखने वाले सभी लोगों के होश उड़ गए।
इसके बाद उसे गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में भर्ती कराया गया।वहां जांच में उसके एड्स संक्रमित होने की बात की पुष्टि हो गई।चूंकि, एआरटी सेंटर पर एड्स संक्रमित मरीजों की काउंसलिंग की जाती है.. ताकि मरीज के संबंधों की पड़ताल की जाए और समय रहते ही दूसरे लोगों का भी उचित इलाज किया जा सके।ऐसे में काउंसलिंग के दौरान उस महिला ने अपने साथ हुए घटनाक्रम का खुलासा किया जिसे जानकर वहां के एक्सपर्टस् भी परेशान हो गए। फिर उन एक्सपर्टस् ने एक-एक कर उन 13 लोगों की जांच की जिनके बारे में महिला ने बताया और फिर पता चला कि वो सभी लोग संक्रमित हो चुके हैं।बताया जा रहा है कि इस महिला के पति की मौत एड्स के कारण ही हुई थी और उसी के संपर्क में आने से महिला भी संक्रमित हो चुकी थी।
इस घटना से जहां पूरा गांव अब सकेत में आ चुका है वहीं इस वारदात ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा कर दिया है .. य़े खबर लालच और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को बयां करती हैं। कैसे गांव में सरकारी योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार का गंदा खेल खेला जा रहा है, जहां एक गरीब और लाचार महिला को हर महीने मिलने वाले कुछ किलो अनाज के लिए अपने इज्ज्त का सौदा तक करना पड़ता है।