३१ जनवरी को लग रहा है चंद्रग्रहण, उस दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना जीवन में आता है दुर्भाग्य
हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों का इंसान के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है। ग्रहों की चाल और उनकी दशा का व्यक्ति के जीवन पर उसकी कुंडली पर प्रभाव पड़ता है। हर व्यक्ति के जीवन में दुर्भाग्य कभी ना कभी दस्तक जरुर देता है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि अगर व्यक्ति कुछ चीजों और बातों का ध्यान रखा जाए तो दुर्भाग्य से बचा जा सकता है। धर्म शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में कुछ बातों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
बुधवार 31 जनवरी को माघ मास की पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्रग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण का समय शाम 5 बजे से लेकर रात के 8:45 तक है। जिस दिन चंद्रग्रहण रहता है, उस दिन ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। 31 जनवरी को सुबह 8 बजे के बाद से सूतक शुरू हो रहा है। सूतक काल में कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार सूतक काल में पूजा-पाठ या पूजा-पाठ से जुड़ा हुआ कोई काम नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण के समय कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए। ऐसा नहीं करने से जीवन में दुर्भाग्य बढ़ता है। व्यक्ति द्वारा की गयी गलतियों की वजह से उसे भविष्य में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ग्रहण और पूर्णिमा के समय नहीं करना चाहिए। आप भी चंद्रग्रहण के समय ऐसे काम करने से बचें।
चंद्रग्रहण के समय भूलकर भी ना करें ये काम:
ऐसा काहा जाता है कि ग्रहण के समय तेल मालिश नहीं करना चाहिए। जो लोग तेल मालिश करते हैं, उन्हें त्वचा सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रहण के समय सोने को भी शास्त्रों में मना किया गया है। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि पूर्णरूप से स्वास्थ्य व्यक्ति को ग्रहण काल में नहीं सोना चाहिए। गर्भवती स्त्री, रोगी और वृद्ध व्यक्ति ग्रहण काल में सो सकते हैं।
ग्रहण के दौरान पति-पत्नी को संयम बनाये रखना चाहिए। ग्रहण के दौरान बनाए गए शारीरिक सम्बन्ध शास्त्रों के हिसाब से अशुभ होता है। इस दौरान सम्बन्ध बनाने से जो संतान पैदा होती है, उसका स्वाभाव अच्छा नहीं होता है।
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण से पहले बनाया हुआ खाना ग्रहण के बाद नहीं खाना चाहिए। अगर ग्रहण से पहले घर में खाना बना चुके हैं तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें। इसके लिए तुलसी के पत्तों को शाम के समय ही तोड़कर रखना चाहिए। इससे तुलसी पर ग्रहण का बुरा असर नहीं होता है। इससे भोजन खराब होने से बाख जाता है।
चंद्रग्रहण के समय किसी बी तरह की पूजा करना अशुभ होता है। इसलिए ग्रहण के समय सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के समय मन्त्रों का जाप मन में करना ज्यादा उचित रहता है। इस दौरान आप किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।
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