क्या आपने कभी सोचा है कि सभी ब्लेड के बीच में क्यों बनी होती है एक ही तरह की डिजाईन? जानें सच
क्या आपने कभी सोचा है कि सभी ब्लेड के बीच में क्यों बनी होती है एक ही तरह की डिजाईन? जानें सच
मानव सभ्यता की शुरुआत से ही मानव ने अपने जीवन में काम आने वाली वस्तुओं की धीरे-धीरे खोज करनी शुरू कर दी। सबसे पहले शिकार करने वाले हथियारों का निर्माण किया गया, उसके बाद पहिये का निर्माण किया गया। बाद में जरुरत के हिसाब से सभी चीजों का निर्माण किया जाने लगा। धीरे-धीरे मनुष्य की जरूरतें बढती गयी और वह लगातार खोज करता रहा। आज के युग में इंसान ने इतनी तरक्की कर ली है कि उसके पास जरुरत की काफी चीजें हैं और वह लगातार खोज करता ही जा रहा है।
इंसानों की शुरुआत के समय उन्हें किसी चीज की जानकारी नहीं थी। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पेट की आग के अलावा अपने फैशन पर भी ध्यान देना शुरू किया। लोग अपने बाल कटने शुरू कर दिए। आज के समय में शेविंग से लेकर हेयर कटिंग हर जगह ब्लेड का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन ब्लेड के इतिहास के बारे में कम ही लोग जानते हैं। कभी किसी ने यह भी नहीं सोचा होगा कि आखिर क्यों सभी कंपनियों की ब्लेड की डिजाईन एक ही जैसी क्यों होती है?
ब्लेड बनाने की कई कम्पनियां हैं लेकिन किसी ने भी उसके डिजाईन में बदलाव नहीं किया। इसके पीछे की वजह बड़ी ही रोचक है। आपको बता दें ब्लेड बनाने की शुरुआत जिलेट कंपनी ने की थी। पहली बार ब्लेड, जिलेट कंपनी के संस्थापक किंग कैम्प जिलेट ने अपने सहयोगी विलियम निकर्सन के साथ मिलकर 1901 में बनाया था। उस समय बनाई गयी ब्लेड जैसी दिखती थी, आज भी ब्लेड वैसी ही दिखती है। ब्लेड बनाने के बाद किंग कैम्प जिलेट ने उसके डिजाईन को पेटेंट करवा लिया था। ब्लेड का उत्पादन 1904 में शुरू किया गया था।
जब जिलेट ने 1901 में ब्लेड बनाया था, उस समय वह रेजर और ब्लेड बनाने वाली अकेली कंपनी थी। उस समय रेजर में ब्लेड को बोल्ट के जरिये फिट किया जाता था। यही वजह थी कि ब्लेड में खास तरह की डिजाईन बनानी पड़ी। जिलेट ने सबसे पहले ब्लू जिलेट नाम से ब्लेड का उत्पादन शुरू किया था। 1904 में पहली बार 165 ब्लेड बनाये गए। बाद में कई और कंपनियों ने भी ब्लेड बनाने की शुरुआत की, लेकिन उन्होंने उसकी डिजाईन में कोई बदलाव नहीं किया। ब्लेड की डिजाईन में किसी भी कंपनी ने इसलिए बदलाव नहीं किया क्योंकि रेजर उस समय केवल जिलेट के ही आते थे।
ब्लेड को रेजर में फिट करने के लिए यह जरुरी था कि उसकी डिजाईन उसी तरह रखी जाये। 1890 में जिलेट कम्पनी के संस्थापक किंग कैम्प जिलेट बोतल का ढक्कन बनाने वाली कंपनी में सेल्स मैन का काम करते थे। किंग कैम्प ने देखा कि लोग इस्तेमाल करने के बाद ढक्कन को फेंक देते हैं। उसके बाद भी ऐसी छोटी चीज की कंपनी खूब चल रही थी। उसके बाद उन्होंने सोचा कि कोई ऐसी चीज बनायी जाये जो सस्ती हो और उपयोग के बाद उसे फेंक दिया गया। उससे पहले लोग उस्तरे से शेविंग किया करते थे। उस्तरे से शेविंग करना काफी खतरनाक होता था, साथ ही इससे शेविंग में काफी समय भी लगता था।