क्या हुआ जब रोजगार मेले में नौकरी मांगने पहुंची सीएम योगी की भतीजी और पिता? जानिए
उत्तराखंड – उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में रोजगार मेला लगाकर योग्य छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तराखंड में लगे रोजगार मेले में करीब 2000 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। राइंका में लगने वाले मेले में सिडकुल, हरिद्वार, देहरादून, पंतनगर, सितारगंज तथा प्रदेश के बाहर की प्रमुख औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि मौजूद हुए। लेकिन, इस दौरान एक बेहद ही चौकाने वाली बात सामने आई जब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी की भतीजी और उनके पिता भी रोजगार मेले में पहुंच गए।
आपको बता दें कि रोजगार मेले के तहत कक्षा 8 पास, हाईस्कूल, इंटर, बीएससी, बीकॉम, एमकॉम, आईटीआई, डिप्लोमा, बीबीए आदि विभिन्न शैक्षिक योग्यता वाले युवक और युवतियों को रोजगार दिया जा रहा है। रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थी अपना सीवी, छह फोटोग्राफ एवं समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति, सेवायोजन कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति साथ लेकर शामिल हो रहे हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम योगी की भतीजी को देखकर सभी हैरान रह गए।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी की भतीजी अर्चना बिष्ट ने उन लोगों के लिए एक मिसाल पेश किया है जो हर छोटी-छोटी बात के लिए सिफारिश का सहारा लेते हैं। आपको बता दें कि सिडकुल की एक कंपनी में नौकरी पाने के लिए अर्चना रोजगार मेले में आई और लाइन में लगकर अपना फार्म भरा। रिपोर्ट के मुताबिक, अर्चना अपने दादा यानि सीएम योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट और भाई अविनाश मोहन बिष्ट के साथ रोजगार मेले में पहुंची थी।
अर्चना ने राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज थलनदी पौड़ी से ऑफिस मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है और अब वो खुद के दम पर नौकरी करना पाना चाहती हैं। वहीं अर्चना के साथ आए उनके बड़े भाई अविनाश मोहन बिष्ट भी आये थे। अविनाश ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। वह फिलहाल सिडकुल की एक बड़ी कंपनी में अप्रेंटिस कर रहे हैं। बीए से पढ़ाई करने के बाद अर्चना बिष्ट ने ऑफिस मैनेजमेंट की डिप्लोमा किया हुआ है। अर्चना ने रोजगार मेले में शामिल होकर उधमसिंह नगर की कंपनी स्नाइटर में साक्षात्कार दिया है।
अर्चना के साथ-साथ आनंद सिंह बिष्ट ने अपनी बेटी की पुत्री लक्ष्मी रावत यानि अपनी नातिन को भी रोजगार मेले में नौकरी के लिए साक्षात्कार दिलाया। आनंद सिंह बिष्ट ने कहा कि वो अन्य बच्चों की तरह ही मेले में अपनी पौत्री और नातिन को नौकरी दिलाने के लिए आये हुए हैं। उन्होंने अपने पुत्र यानि योगी आदित्यनाथ से इस बारे में कोई बात नहीं कि है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भतीजी ने वाकई में उन लोगों के लिए एक मिसाल पेश किया है जो अपने हर काम के लिए शिफारिस लगाते हैं।