तो क्या इसी साल होंगे लोकसभा चुनाव, राष्ट्रपति ने की राजनीतिक दलों से ये अपील
भारत, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, ऐसे में देश में हर साल कहीं ना कहीं चुनाव चल रहे होते हैं.. कई बार कुछ चुनाव एक साथ भी करवाए जाते हैं.. अलग-अलग समय पर होने वाले इन चुनावों में ढ़ेर सारा समय के साथ चुनावी खर्चा भी काफी लगता है.. ऐसे में देश में सभी चुनाव एक साथ कराएं जाने की मांग अक्सर उठती रहती है.. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों सभी चुनाव एक साथ करवाने की मंशा जाहिर कर चुके हैं और इसी सोच को और भी बल तब मिला जब सोमवार को संसद के बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे लेकर अपनी बात कही .. राष्ट्रपति के इस अभिभाषण के बाद एक बार फिर से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि आने वाले लोकसभा चुनाव अगले साल 2019 की बजाय इसी साल दिसंबर 2018 में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ हो सकते हैं।
वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लेकर अलग राग अलाप रहा है.. बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस तरफ इशारा कर चुके हैं। गौरतलब है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद का सत्र काफी छोटा होने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि एक दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण, एक दिन बजट का और फिर बचे दो दिनों में विभिन्न बिलों पर बहस.. ये सब 4 दिनों में कैसे हो सकता है? ये सिर्फ आईवॉश है और सरकार की मंशा इसके पीछे जल्दी ही चुनाव करवाना है।
वैसे इससे पहले कई बार ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि सरकार बार-बार राज्य में होने वाले चुनावों के खर्च और परेशानी से बचने के लिए लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ करवा सकती है। इसके लिए संभव है कि केंद्र सरकार दिसम्बर 2018 में होने वाले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के अलावा मिजोरम के विधानसभा चुनावों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव भी करवा सकती है।
आपको बता दें कि अगर ऐसा सम्भव हुआ तो देश में लोकसभा चुनाव निर्धारित समय से 6 महीने पहले ही हो जाएंगे। वैसे सरकार को लोकसभा और सभी राज्यों को चुनाव एक साथ करवाने के लिए संविधान में किसी संशोधन की जरूरत भी नहीं होगी.. क्योंकि देश के संविधान में इस बात की इजाजत दी गई है कि चुनाव आयोग सुविधा और परिस्थितियों के अनुसार जब चाहे तो ‘समय पूर्व’ चुनाव करवा सकता है। लेकिन माना जा रहा है कि इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को मनाना बेहद मुश्किल होगा और राज्य सरकारें भी जल्दी सहमत नहीं होंगी।
चलिए इसके साथ आपको ये भी बताते हैं कि किन राज्यों में 2018-19 में चुनाव होने हैं
सबसे पहले बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां विधानसभा की 230 सीटें हैं और जनवरी 2019 में राज्य सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इसलिए दिसंबर 2018 में चुनाव होने है।
वहीं छत्तीसगढ़ में मौजूदा रमन सिंह सरकार का कार्यकाल भी जनवरी 2019 तक है। इसलिए यहां भी चुनाव दिसंबर 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए किये जाएंगे।
जबकि राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार का कार्यकाल 20 जनवरी 2019 को खत्म हो रहा है। लिहाजा यहां भी दिसंबर 2018 में चुनाव कराए जाएंगे। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं।
इन राज्यों के साथ तेलंगाना और आंध्रः में भी विधानसभा चुनाव मई-जून 2019 में अपेक्षित हैं। जहां तेलंगाना में 119 सीटें हैं तो आंध्र प्रदेश में 294 विधानसभा की सीटे हैं।
इसके अलावा सिक्कीम और अरुणाचल में भी विधानसभा चुनाव 2019 के अप्रैल-मई में होने वाले हैं।
जबकि मिजोरम में मौजूदा कांग्रेस सरकार का कार्यकाल 15 दिसंबर 2018 को समाप्त हो रहा है ..ऐसे में यहां नवंबर में चुनाव हो सकते हैं।