जानिए ऐसा क्या हुआ कि 1965 की जंग में आपस में ही भीड़ गए पाकिस्तानी सैनिक?
पाकिस्तान ने जब भी कभी भारत के बारे में बुरा करने की सोची (India Pak war 1965) उसे खुद ही बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। राजस्थान के पक्षिम में स्थित जैसलमैर से 120 किलोमीटर दूर और माता तनोट (Tanot Mata Temple) मंदिर से केवल 5 किलोमीटर पहले माता घंटीयाली का पावन दरबार है। माता घंटीयाली और माता तनोट राजस्थान में रह रहे जवानों के लिए बहुत मायने रखती हैं।उस क्षेत्र में रहने वाले बीएसएफ के सिपाही ही केवल इन दोनों मंदिरों में पूजा करते हैं।
1965 की जंग ( India Pak war 1965)के दौरान माता ने ऐसा चमत्कार किया कि पाकिस्तानी सेना खुद-ब-खुद हार गयी और वही ढेर हो गयी। माता घंटीयाली के सिद्ध दरबार में पाकिस्तानी सैनिकों के गंदे इरादे माता के पहले चमत्कार से ही ध्वस्त हो गए। माता के चमत्कार से दुश्मन की सेना को भ्रम हो गया और सामने से आती अपनी ही सेना से भीड़ गए और आपस में ही लड़ के मर गए। जो कुछ सैनिक माता के मंदिर में घुस गए थे वो अपने में ही झगड़ बैठे और मरे गए। माता का तीसरा चमत्कार दुश्मनों को अँधा बना दिया और दुश्मन देख ही नहीं पाए की कौन सि भारत की सेना है और कौन सि उनकी खुद की।
ऐसे चमत्करी दरबार में मंदिर के पुजारी (बीएसएफ सिपाही) पंडित सुनील कुमार अवस्थी हैं जो माता की सेवा और पूजा अर्चना करते हैं। सुनील कुमार अवस्थी उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं, उन्होंने मंदिर के बारे में बहुत सि रोचक घटनाओं का जिक्र किया है। सुनील ने बताया कि संवत 808, 1200 वर्ष पुराना है माता का यह सिद्ध दरबार। माता घंटीयाली ने भारतीय सेना का 1965 के युद्ध में साथ निभाया और उनकी बड़ी बहन माता तनोट ने 1971 युद्ध में भारतीय सेना की मदद की थी। इन्ही के आशीर्वाद से भारत के सैनिक उस इलाके में कभी भी हार का मुँह नहीं देखते हैं।
अपनी ही सेना को भारतीय सैनिक समझ एक- दूसरे पर हमला बोल दिया – India Pak war 1965
सुनील अवस्थी ने बताया कि, माता ने ऐसा चमत्कार किया कि 1965 की जंग के समय (India Pak war 1965)पाकिस्तान की सेना आमने- सामने से आ रही थी। अपनी ही सेना को भारतीय सैनिक समझ एक- दूसरे पर हमला बोल दिया और देखते ही देखते पाकिस्तानी सेना ख़त्म हो गई। पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान माता घंटीयाली के मंदिर तक पहुंच गए थे। उन्होंने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की, तो माता का ऐसा चमत्कार हुआ कि पाकिस्तानी सैनिक आपसी विवाद के चलते आपस में लड़ कर मर गए।
अवस्थी ने बताया कि एक बार पाकिस्तानी सेना की एक टुकड़ी माता घंटीयाली तक पहुँच गयी थी। उन्होंने माता घंटियाली की मूर्ति से उनका श्रृंगार उतारने की नापाक हरकत की थी। माता ने सभी पाकिस्तानी सैनिकों को अँधा कर दिया। अभी मंदिर के देख- रेख की जिम्मेदारी बीएसएफ की 135वीं वाहिनी के पास है।