स्कन्दपुराण के अनुसार ये आदतें हर व्यक्ति को बनाती हैं सफल, आपमें नहीं है तो आज ही अपनाएं
हिन्दू धर्म में कई धर्म ग्रंथों को महत्वपूर्ण माना जाता है और उसकी बातों का पालन करके हर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बनता है। स्कन्दपुराण भी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्द ग्रन्थ है। इस पुराण में धर्म-अधर्म की बातें की गयी हैं। कौन सा कम धार्मिक होता है और कौन सा काम अधार्मिक होता है जो व्यक्ति को नहीं करना चाहिए, के बारे में विस्तार से बताया गया है। इन बातों को अपने जीवन में लागू करके कोई भी व्यक्ति सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ सकता है। स्कन्दपुराण में ऐसी 8 बातों के बारे में बताया गया है, जो हर व्यक्ति के अन्दर होनी चाहिए। जिस व्यक्ति में ये बातें होती हैं, वह हर समय सफलता पाता है।
सत्यं क्षमार्जवं ध्यानमानृशंस्यमहिंसनम्।
दमः प्रसादो माधुर्यं मृदुतेति यमा दश।।
ये 8 बातें होनी चाहिए हर व्यक्ति में:
किसी भी व्यक्ति को हर समय सच बोलने के बारे में कहा गया है। चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो, व्यक्ति को सच का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति जीवन में सफलता पाना चाहता है तो उसे सत्य का हमेशा साथ देना होगा। जो व्यक्ति जीवन में हमेशा सच बोलता है और सत्य का साथ देता है, उससे भगवान भी खूब प्रसन्न होते हैं। उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है।
हर व्यक्ति के अन्दर माफ़ करने की क्षमता होनी चाहिए। कहा जाता है कि माफ़ करने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है। हर किसी के अन्दर माफ़ करने की क्षमता नहीं होती है। की बार व्यक्ति दूसरों की बातों को अपने मन से लगाकर बैठ जाता है और उन्हें गलती करने के बाद माफ़ नहीं करता है, उसे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उस व्यक्ति के अन्दर हमेशा बदले की भावना रहती है और बदला ना पूरा होने पर वह अवसाद का शिकार हो जाता है। इसलिए व्यक्ति के अन्दर माफ़ करने की भावना होनी चाहिए।
कई लोगों की आदत होती है कि वह अपना हर काम छल-कपट की मदद से करते हैं। जबकि एक अच्छे व्यक्ति की पहचान होती है कि वह छल-कपट से बिलकुल दूर रहता है। जिसके मन में ऐसी भावना होती है उसे दुष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति कहा जाता है। ऐसे लोग हमेशा दूसरों का दिल दुखाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों से भगवान कभी प्रसन्न नहीं होते हैं।
हर मनुष्य को प्रतिदिन भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे व्यक्ति को जीवन में अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। अगर व्यक्ति अच्छे कर्म करेगा तो उसे जीवन में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जो लोग नास्तिक होते हैं उन्हें पाप और पुण्य में कोई अंतर समझ में नहीं आता है।
कई लोगों की आदत होती है कि बिना दूसरों को दुःख पहुंचाए उन्हें आनंद नहीं नहीं आता है। ऐसे लोगों को हिंसक कहा जाता है। ऐसे लोग किसी का भी बुरा कर देते हैं। कभी-कभी वह खुद का भी बुरा कर लेते हैं। इसलिए हिंसा का त्याग करना बड़ी बात है।
मन बड़ा ही चंचल होता है। कई बार हमारा मन हमसे कुछ ऐसे काम भी करवा देता है जो सही नहीं होता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने चंचल मन को वश में रखना चाहिए। ताकि वह कुछ बुरा करने से बच सके।
हर व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई परेशानी होती है। लेकिन जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है जो हर परिस्थिति का डंटकर सामना करता है और हर समय खुश रहता है। खुश रहने से उसे अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
कई लोगों के मन में असमानता की भावना होती है। वह हर व्यक्ति से अलग-अलग व्यवहार करता है। जबकि किसी भी व्यक्ति को एक हर व्यक्ति के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। भेदभाव करने को शास्त्रों में बिलकुल भी गलत बताया गया है। जो व्यक्ति सभी से एक समान व्यवहार करता है, वह जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता है।