सरकार का बड़ा फ़ैसला, अब इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को पढना होगा वेद और पुराण
भारत देश इन दिनों तरक्की की राह पर है. बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए आये दिन भारत सरकार नई नई योजनायें बनाने में लगी है. इस बात में कोई दो राय नहीं कि आज के बच्चे हमारे देश का उज्जवल भविष्य हैं. ऐसे में उन्हें उच्च शिक्षा मिलना बेहद जरूरी है. अगर इंसान की पढाई लिखाई अच्छी हो तो वह मेहनत और लग्न से ना केवल एक अच्छा नागरिक बल्कि एक कामयाब इंसान बन सकता है. यूँ मान लीजिये कि पढाई का हमारे जीवन में अहम रोल है.
मोदी सरकार के सत्ता को संभालते ही देश में कई प्रकार के बदलाव दिखाई दे रहे हैं. अभी हाल ही में सरकार ने स्टूडेंट फेडरेशन के लिए एक अहम फैसला लिया है. दरअसल हाल ही में इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानि AICTE मैं स्टूडेंट को लेकर एक नया फरमान जारी किया है. इस फैसले के तहत अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को तकनीकी गुणों के साथ-साथ वेदों और पुराणों की जानकारी भी दी जाएगी.
इंजीनियरिंग की शिक्षा को अब तक की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. ऐसे में अब ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के इस फरमान के तहत उम्मीदवारों को वेद पुराण शास्त्र आज सब का अध्ययन करवाया जाएगा. केवल इतना ही नहीं बल्कि छात्राओं को सब कोर्सों के इलावा संविधान और पर्यावरण के विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.
जानकारी के अनुसार एआईसीटीई ने बताया कि इन परीक्षाओं के मार्क्स फ़ाइनल मार्क्स में नहीं जोड़े जाएंगे और साथ ही यह बदलाव इसी साल से लागू होने वाला है. वहीं दूसरी और हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर ने बताया इस बदलाव के कारण सिलेबस को नए तरीके से तैयार किया जा रहा है. क्योंकि विद्यार्थियों को अपडेटेड सिलेबस के बारे में पता होना अनिवार्य है.
सरकार की इस पहल के चलते अब छात्रों को दार्शनिक, भाषा, योग और कलात्मक गतिविधियों के बारे में भी ज्ञान दिया जाएगा. इन सब का मुख्य लक्ष्य थॉट प्रोसेस, तर्क के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में बच्चों को बताना है. वह कंप्यूटर साइंस के ITI डिपार्टमेंट के धीरे संगी के अनुसार यह नया सिलेबस बच्चों को पढ़ाना फायदेमंद सिद्ध होगा.
कानपुर के धीरज संगी के अनुसार बच्चों के सिलेबस में यह सब शामिल करने से छात्रों के ज्ञान में पहले से कई गुना अधिक वृद्धि होगी. इसके साथ ही जावेडकर ने बताया कि इससे इंजीनियरिंग छात्रों को समाज और इंडस्ट्री की जरूरत से कनेक्ट होने में काफी सहायता मिलेगी. सरकार की इस पहल से छात्रों के जीवन में ना केवल ज्ञान की वृद्धि होगी बल्कि, इससे छात्रों के जीवन को एक नई राह मिलेगी.